शिक्षकों के समर्थन में क्या बोले डुमरांव विधायक, सरकार को कह दी बड़ी बात
- शिक्षकों के लिए निराशा जनक है नई शिक्षक नियमावली - विधायक
केटी न्यूज/डुमरांव
डुमरांव विधायक डा अजित कुशवाहा ने नई शिक्षक नियमावली को नियोजित शिक्षकों और सातवें चरण के अभ्यर्थियों के निराशाजनक बताया। वे मंगलवार को भाकपा-माले के द्वारा राज्य भर में चलाये जा रहे ’लोकतंत्र बचाआंे जनसंवाद तथा सद्भावना-एकजुटता अभियान’ के तहत चौगाईं प्रखण्ड के मुरार तथा ओझाबरांव में अपने संबोधन में कही।
विधायक ने नई शिक्षक बहाली नियमावली 2023 पर कहा है कि यह नियमावली सातवें चरण के शिक्षक बहाली के अभ्यर्थियों और वर्षाे से बिहार सरकार में अपनी सेवा दे रहे नियोजित शिक्षकों के लिए निराशाजनक है। सातवें चरण के शिक्षक अभ्यर्थियों को इस प्रक्रिया से मुक्त रखा जाना चाहिए और उन्हें पुराने तरीके से नियोजित किया जाना चाहिए। बीपीएससी से परीक्षा लेने के बाद भी शिक्षकों को नियमित शिक्षक की भांति वेतनमान और सेवा शर्त की व्यवस्था करने का मामला स्पष्ट नहीं है। विधायक ने कहा कि कि नियोजित शिक्षकों के पूर्ण समायोजन के साथ पुराने शिक्षकों की भांति सेवा शर्त और वेतनमान दिया जाए।
डुमराँव विधायक ने आगे कहा कि सातवें चरण के शिक्षक अभ्यर्थी तो उम्मीद कर रहे थे कि सरकार उनके लिए नोटिफिकेशन जारी करेगी, लेकिन अब वह एक और परीक्षा की बात कर रही है, यह उन अभ्यर्थियों से विश्वासघात है। विदित हो कि सरकार ने 2019 में एसटीईटी परीक्षा को एक प्रतियोगी परीक्षा के तौर पर आयोजित किया था, लेकिन बाद में वह उसे महज पात्रता परीक्षा कहने लगी। इसके कारण सातवें चरण के शिक्षक अभ्यर्थियों में पहले से ही काफी आक्रोश है। इस बीच सीटीईटी-एसटीईटी-बीटीईटी की और परीक्षाएं भी ली गई हैं। नई शिक्षक नियमावली 2023 में बीपीएससी द्वारा परीक्षा लेने और शिक्षकों को सरकारी कर्मी का दर्जा दिए जाने का प्रावधान है।
शिक्षकों को सरकारी कर्मी का दर्जा दिया जाने का निर्णय अच्छा कदम है, लेकिन विगत कई वर्षों से स्कूलो में कार्यरत नियोजित शिक्षकों पर भी इसे लागू कर देना कहीं से जायज नहीं है। नियमावली में यह प्रावधान है कि सरकारी कर्मी का दर्जा हासिल करने के लिए नियोजित शिक्षकों को भी यह परीक्षा पास करनी होगी। बीपीएससी से परीक्षा लेने के बाद भी शिक्षकों को नियमित शिक्षक की भांति वेतनमान और सेवा शर्त की व्यवस्था करने का मामला स्पष्ट नहीं है। हमारी मांग है कि नियोजित शिक्षकों के पूर्ण समायोजन के साथ पुराने शिक्षकों की भांति सेवा शर्त और वेतनमान दिया जाए।