बियाडा की जमीन पर खेल मैदान ने लिए ग्रामीणों ने किया अनिश्चितकाल धरना, विधायक का मिला समर्थन
खेल मैदान वाले भाग की घेराबंदी का विरोध जता रहे हैं ग्रामीणबोले ग्रामीण इकलौता मैदान हैं जहां खेलकूद तथा सेना व पुलिस भर्ती के लिए दौड़ की प्रैक्टिस करते हैं युवा
केटी न्यूज/नावानगर
स्थानीय प्रखंड के सामने स्थित बियाडा की जमीन पर खेल मैदान के लिए एक बार फिर ग्रामीणों ने संघर्ष करना शुरु कर दिया है। ग्रामीणों ने खेल मैदान को बचाने के लिए सोमवार से अनिश्चित कालीन धरना की शुरुआत की है। धरना दे रहे ग्रामीणों को डुमरांव विधायक डा अजीत कुमार का भी समर्थन मिला हैं। धरना में पहुंचे ने विधायक ने ग्रामीणों की मांग को जायज बताते हुए कहा कि प्रखंड मुख्यालय में युवाओं को अपना खेल कौशल निखारने तथा दौड़ की प्रैक्टिस के लिए कोई दूसरा मैदान भी नहीं हैं। ऐसे में उनके खेल मैदान का अस्तित्व मिटाना उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि उद्योग मंत्री समीर महासेठ एवं बियाडा के प्रबंध निदेशक सह अपर सचिव संदीप पौंड्रिक को लिखित में आग्रह किया गया था कि इस मैदान में नावानगर के आसपास के दर्जनों गांवों के सैकड़ों नौजवान पुलिस एवं सेना बहाली सहित अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते हैं। इसलिए उच्च स्तरीय निर्णय लेने तक घेराबंदी का कार्य बंद होना चाहिए, आग्रह पर काम बंद भी था। लेकिन 22 जून को बियाडा के प्रबंध निदेशक द्वारा पुलिस और प्रशासन के बल पर लोगों की जायज मांग को नजरअंदाज करते हुए एक इंच जमीन नहीं छोड़ने का निर्देश देते हुए घेराबंदी का कार्य शुरू कराया गया हैं। विधायक ने कहा कि ग्रामीणों के बार-बार निवेदन के बावजूद खेल मैदान को खाली नहीं छोड़ा जा रहा है, जो उचित नहीं है। बियाडा के प्रबंध निदेशक द्वारा एक इंच जमीन भी नहीं छोड़ने की बात करना उनकी सामन्ती मानसिकता को दर्शाता हैं। यहां आस-पास के दर्जनों गांवों के नौजवान विभिन्न परीक्षाओं में भर्ती की तैयारी के लिए इकट्ठा होते हैं और प्रेक्टिस करते हैं। अगर खेल मैदान समाप्त हो जायेगा तो इनका भविष्य भी अधर में पड़ जायेगा। उन्होंने कहा कि नावानगर को औद्योगिक क्षेत्र बनाने के लिए बियाडा के अधिकारियों ने पेप्सिको कंपनी को देने की सोच अच्छी है। पर उद्योग के साथ-साथ खेल मैदान का होना भी बेहद जरुरी हैं।
बियाडा के पास हैं 456 एकड़ जमीन, कही भी स्थापित हो सकती है कंपनी
धरना को संबोधित करने के दौरान विधायक ने कहा कि बियाडा के पास नावानगर में अभी भी 456 एकड़ से ज्यादा जमीन है। छोटे-बड़े सैकड़ों प्लॉट अभी भी खाली हैं। जिसमें कम्पनी स्थापित की जा सकती है। 5 एकड़ जमीन खेल मैदान, तालाब और मंदिर को छोड़ देने से कोई नुकसान नहीं होना है। पर बियाडा के अधिकारी द्वारा स्थानीय प्रशासन के सहयोग से इकलौते खेल मैदान की जमीन को भी घेराबंदी करना उचित नहीं है। इसके लिए उनका संघर्ष जारी रहेगा। वही माले नेता नीरज कुमार ने कहा कि खेल मैदान के लिए उनका धरना के माध्यम आंदोलन शांतिपूर्ण व लोकतांत्रित तरीके से की जाएगी। यह आंदोलन खेल मैदान को मुक्त करने तक जारी रहेगा। धरना में माले के नावानगर प्रखंड सचिव हरेन्द्र राम, केसठ प्रभारी ललन प्रसाद, चौगाईं प्रभारी बीरेंद्र सिंह, किसान नेता सह पूर्व मुखिया रामदेव सिंह, नारायण दास, रेखा देवी, संतोष यादव, बीडीसी रंजन यादव, बीडीसी सत्येन्द्र कुमार राम, अतिमि पंचायत की मुखिया ज्योति गुप्ता, बसंत यादव, श्रीभगवान सिंह, ब्यासमुनि सिंह, महेंद्र सिंह समेत अन्य थे।