नौ कुंडीय गायत्री महायज्ञ के दूसरे दिन 33 कोटि देवी देवताओं का पूजन कर दी गई आहूतियां
केटी न्यूज/डुमरांव
पुराना भोजपुर में चल रहे तीन दिवसीय नौ कुंडीय गायत्री महायज्ञ के दूसरे दिन गायत्री परिवार की परंपरा के अनुसार कई तरह के कर्मकांड व यज्ञाहूतियां दी गई। कुल 24 जोड़ो ने दूसरे दिन विभिन्न मंत्रों से आहूतियां दी। इसके पहले मुख्य यजमान रोहित
सिंह ने 33 कोटि देवी देवताओं का भाव भरा पूजन किया। गायत्री पांडेय ने सुमधुर स्वर में देव आह्वान किया। दूसरे दिन अग्निस्थापन के बाद शुभ्रवस्त्रधारी यजमानों ने आचार्य के नेतृत्व में गायत्री मंत्र, महामृत्युंजय मंत्र व अन्य वैदिक मंत्रो से हजारों आहुतियां दी। इस महायज्ञ के दूसरे दिन होने वाले समस्त कर्मकांड का संचालन गायत्री शक्तिपीठ बक्सर के मुख्य प्रबंध ट्रस्टी रामानंद तिवारी ने किया। उन्होंने कहा कि किसी भी बच्चें की प्रथम गुरू माता होती है।
माता ही यदि अज्ञानी व संस्कारविहीन हो तो वह अपने बच्चों को कैसे शिक्षा देगी। उन्होंने कहा कहा कि जितने महापुरूष हुए है उनकी मां ने ही उनमें संस्कार भरा था। लेकिन वर्तमान समय में नैतिक मूल्यों में गिरावट की वजह से मां के पास ही आचरण नहीं बचा है। जिससे संतानें विवेकानंद व रामकृष्ण परमहंश जैसे नहीं बन रहे है। उन्हें गायत्री मंत्र को संस्कारों की जननी बताया। वहीं रामलखन शर्मा के संगीतों ने सबका मन मोह लिया। हवानादि के बाद श्रद्धालुओं के बीच प्रसाद वितरण किया गया। जबकि शाम में प्रज्ञा पुराण की कथा में परिवार निर्माण एवं संस्कार पर चर्चा की गई। अंत में
यज्ञशाला में हजारों दिए जला देव दीपावली मनाई गई। एक साथ जलाए गए दीपक आकर्षण का केंद्र बने रहे। इस महायज्ञ के आयोजन से पुराना भोजपुर में भक्तिरस की अविरल धारा प्रवाहित हो रही है। ग्रामीण तनम न से इस महायज्ञ को संपन्न कराने में जुटे है।