बिहार पुलिस गजब करनामे: मृतक को ही बना दिया उसकी हत्या का आरोपी, कोर्ट ने लगाई फटकार
केटी न्यूज/पटना/जमुई
अब कहां ढूंढने जाओगे शहर भर में कातिल मेरे, आप तो मेरे कत्ल का इल्जाम भी हम ही पर रख दो। वैसे तो ये मशहूर शायर राहत इंदौरी की पंक्तियां मात्र हैं। लेकिन बिहार पुलिस ने इन पंक्तियों को सीरियसली ले लिया और कुछ ऐसा कर दिया जिसे जानकर आप हैरान रह जाएंगे। अपने अजब-गजब कारनामों को लेकर अक्सर सुर्खियों में रहने वाली बिहार पुलिस ने एक बार फिर से ऐसी ही हरकत को अंजाम दिया है। जमुई जिला के बरहट थाना क्षेत्र में 19 जुलाई 2023 को महेंद्र कोडा नामक एक व्यक्ति की मौत हो गई थी।
घटना को लेकर महेंद्र कोड़ा की पत्नी सुमित्रा देवी ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी और बरहट थाना में प्राथमिक की दर्ज की गई थी। इसके बाद इस मामले में घटना के जांचकर्ता बरहट थानाध्यक्ष एके आजाद के द्वारा जो चार्जशीट दायर की गई। उसमें उन्होंने हत्या का आरोप महेंद्र कोड़ा, दीपक कुमार और प्रमोद मांझी के ऊपर लगा दिया।
इतना ही नहीं पुलिस के द्वारा यह कहा गया कि महेंद्र कोड़ा की मौत ट्रैक्टर हादसे में हो गई। इसके बाद इस पर एफएसएल की जांच रिपोर्ट और पुलिस अनुसंधानकर्ता का बयान दर्ज करा कर चार्ज शीट दायर कर दिया गया। इस मामले में न्यायालय ने सुनवाई करते हुए कानूनी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
अब इस मामले में सुनवाई करते हुए प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी नाजिया खान की अदालत ने आदेश पारित कर कहा कि हत्या के मामले में मृतक के ऊपर हीं आरोप लगाया दिया जाना समझ से परे है। उन्होंने कहा कि पुलिस पदाधिकारी ने अपने अनुसंधान में किसी स्वतंत्र गवाह का बयान दर्ज नहीं कराया। केवल टेक्निकल और फोरेंसिक जांच रिपोर्ट के आधार पर चार्ज शीट दायर कर दी। इसके अलावा उन्होंने जिसकी मौत हुई उसके ऊपर हीं हत्या का आरोप लगा दिया, जो समझ से परे है।
कोर्ट ने इस मामले में संबंधित अनुसंधानकर्ता के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का आदेश दिया गया है तथा इस आदेश की कॉपी एसपी, डीआईजी और डीजीपी को भी भेजी गई है। फिलहाल जमुई पुलिस की यह करतूत एक बार फिर से सवालों के घेरे में है और चर्चा का विषय बना हुआ है। इस बारे में अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सतीश सुमन ने बताया कि यह मामला न्यायालय के विचाराधीन है। इसमें अभी कुछ भी कहना सही नहीं रहेगा।
उधर, मृतक महेंद्र कोड़ा के परिजनों ने न्यायालय के द्वारा इस मामले में कार्रवाई किए जाने पर संतोष जाहिर करते हुए कहा कि घटना को लेकर अलग हीं एफआईआर दर्ज कराया था, लेकिन पुलिस ने कुछ और हीं एफआईआर दर्ज किया था। हम लोगों के साथ अन्याय किया गया था। अब इस मामले में कार्रवाई हुई है, यह जानकर बहुत खुशी हो रही है जो लोग अन्याय करते हैं। उनके साथ गलत हीं होता है। पुलिस पदाधिकारी के साथ जो कुछ भी हो रहा है वह ठीक है।