ट्रिपल मर्डर जांच के बीच शिक्षा की नई शुरुआत, सैंकुआ मध्य विद्यालय अब सामुदायिक भवन में संचालित
राजपुर प्रखंड के अकबरपुर पंचायत के सैंकुआ मध्य विद्यालय की पढ़ाई सोमवार से अहियापुर गांव के सामुदायिक भवन में शुरू कर दी गई। नई जगह पर शिक्षा की शुरुआत का माहौल पूरी तरह उत्साहपूर्ण रहा। विद्यालय के उद्घाटन का कार्य प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी ज्ञानू प्रताप सिंह ने किया। बच्चों ने गुब्बारे और रंगीन सजावट से भवन को उत्सव स्थल का रूप दे दिया था।

-- अकबरपुर पंचायत के अहियापुर गांव में बच्चों ने उत्साह के साथ शुरू की पढ़ाई, लंबे विवाद के बाद शिफ्ट हुआ स्कूल
केटी न्यूज/राजपुर
राजपुर प्रखंड के अकबरपुर पंचायत के सैंकुआ मध्य विद्यालय की पढ़ाई सोमवार से अहियापुर गांव के सामुदायिक भवन में शुरू कर दी गई। नई जगह पर शिक्षा की शुरुआत का माहौल पूरी तरह उत्साहपूर्ण रहा। विद्यालय के उद्घाटन का कार्य प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी ज्ञानू प्रताप सिंह ने किया। बच्चों ने गुब्बारे और रंगीन सजावट से भवन को उत्सव स्थल का रूप दे दिया था।
बीईओ ज्ञानू प्रताप सिंह ने बताया कि इस विद्यालय में बच्चों के अनुपात में शिक्षक पर्याप्त हैं, लेकिन पुराना भवन केवल दो कमरों का होने के कारण पढ़ाई में काफी कठिनाई होती थी। अब सामुदायिक भवन में स्थानांतरित होने से बच्चों को विषयवार कक्षाओं में पढ़ाई करने के साथ खेलने का मैदान भी उपलब्ध हो गया है, जिससे उनका मानसिक और शारीरिक विकास समान रूप से होगा। उन्होंने ग्रामीणों से अपील की कि सभी अभिभावक अपने बच्चों को नियमित रूप से विद्यालय भेजें और शिक्षा को प्राथमिकता दें।
ज्ञात हो कि सैंकुआ मध्य विद्यालय में कक्षा एक से आठ तक की पढ़ाई होती है, जिसमें 168 बच्चे नामांकित हैं। विद्यालय में छह शिक्षक, एक स्वास्थ्य अनुदेशक और एक टोला सेवक कार्यरत हैं। विभागीय मानक के अनुसार विद्यालय संचालन के लिए आठ वर्ग-कक्ष, एक कार्यालय, स्मार्ट क्लास/लैब, रसोई घर और छात्र-छात्राओं के लिए अलग-अलग शौचालय आवश्यक हैं, जबकि पुराने भवन में केवल दो कमरे और एक शौचालय ही उपलब्ध थे।
उल्लेखनीय है कि यह मामला उस समय चर्चा में आया जब 24 मई को हुए चर्चित ट्रिपल हत्याकांड के बाद प्रशासनिक जांच के दौरान विद्यालय की स्थिति पर भी सवाल उठे। अपर समाहर्ता की अध्यक्षता में गठित त्रिस्तरीय जांच टीम ने रिपोर्ट में स्पष्ट किया था कि विद्यालय के पठन-पाठन हेतु पर्याप्त जगह नहीं है। इसके बाद अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा 18 सितंबर को पत्र जारी कर विद्यालय को सामुदायिक भवन में शिफ्ट करने की अनुशंसा की गई थी।
अब जब विद्यालय सामुदायिक भवन में स्थानांतरित होकर संचालन शुरू कर चुका है, तो ग्रामीणों के बीच यह नया कदम चर्चा का विषय बना हुआ है। कुछ लोग इसे शिक्षा व्यवस्था की मजबूती मान रहे हैं, तो कुछ यह जानना चाह रहे हैं कि पंचायत के अन्य खाली भवनों का भविष्य क्या होगा। लेकिन फिलहाल, बच्चों की खिलखिलाहट और शिक्षकों के जोश ने अहियापुर गांव के सामुदायिक भवन को शिक्षा का नया केंद्र बना दिया है।