डुमरांव पश्चिमी रेल फाटक पर ऑटोमेटिक बूम फेल, घंटों फंसा रहा यातायात

डुमरांव में बुधवार की सुबह अचानक पैदा हुई तकनीकी गड़बड़ी ने पूरे शहर के यातायात को प्रभावित कर दिया। पश्चिमी रेल फाटक संख्या 67 ए पर ऑटोमेटिक बूम अचानक खराब हो गया, जिसके बाद फाटक पर अफरा-तफरी का माहौल बन गया। सुबह 9 बजे के व्यस्त समय में हुई इस समस्या ने कुछ ही देर में फाटक के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लगा दीं। लोग अपने महत्वपूर्ण कार्यों के लिए घरों से निकले थे, लेकिन अनियोजित जाम ने सभी की रफ्तार रोक दी।

डुमरांव पश्चिमी रेल फाटक पर ऑटोमेटिक बूम फेल, घंटों फंसा रहा यातायात

-- तकनीकी खराबी से बना जाम, रेलवे टीम की तत्परता से एक घंटे बाद बहाल हुआ संचालन

केटी न्यूज/डुमरांव

डुमरांव में बुधवार की सुबह अचानक पैदा हुई तकनीकी गड़बड़ी ने पूरे शहर के यातायात को प्रभावित कर दिया। पश्चिमी रेल फाटक संख्या 67 ए पर ऑटोमेटिक बूम अचानक खराब हो गया, जिसके बाद फाटक पर अफरा-तफरी का माहौल बन गया। सुबह 9 बजे के व्यस्त समय में हुई इस समस्या ने कुछ ही देर में फाटक के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लगा दीं। लोग अपने महत्वपूर्ण कार्यों के लिए घरों से निकले थे, लेकिन अनियोजित जाम ने सभी की रफ्तार रोक दी।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, फाटक बंद होने की प्रक्रिया के दौरान अचानक ऑटोमेटिक बूम बीच में ही क्षतिग्रस्त हो गया। क्षति होते ही रेल कर्मचारियों ने स्थिति को समझते हुए तत्काल अस्थायी व्यवस्था लागू की। उन्होंने स्लाइडिंग बूम का उपयोग शुरू कर दिया, जो सामान्य बूम के मुकाबले कम क्षमता वाला होता है। स्लाइडिंग बूम के जरिए एक बार में केवल तीन से चार वाहनों को ही पार कराया जा रहा था, जिसके चलते फाटक को बार-बार खोलना और बंद करना पड़ रहा था। इस स्थिति ने जाम को और बढ़ा दिया।लगभग एक घंटे तक फाटक पर भारी जाम लगा रहा। पुराने भोजपुर से डुमरांव की ओर आने वाले तथा डुमरांव से भोजपुर की दिशा में वापस लौटने वाले वाहनों की लंबी लाइनें डुमरांव-बक्सर मार्ग पर कई सौ मीटर तक फैल गईं।

कई लोगों ने बताया कि वैकल्पिक मार्ग नहीं होने के कारण उन्हें मजबूरी में उसी रास्ते पर इंतजार करना पड़ा। स्थानीय नागरिकों ने कहा कि व्यस्त समय में रेलवे फाटक पर ऐसी तकनीकी खराबी से पूरा क्षेत्र प्रभावित हो जाता है, और सुबह के समय तो यह परेशानी दोगुनी हो जाती है।घटना की जानकारी मिलते ही रेलवे के तकनीशियनों की एक टीम मौके पर पहुंची। उन्होंने क्षतिग्रस्त बूम को जांचने के बाद मरम्मत कार्य शुरू किया। टीम के सदस्यों ने तेजी से काम करते हुए करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद ऑटोमेटिक बूम को पूरी तरह दुरुस्त कर दिया। मरम्मत के बाद फाटक सामान्य रूप से संचालित होने लगा और रेल व सड़क दोनों मार्गों पर यातायात सुचारू हो गया।

आरपीएफ पोस्ट प्रभारी कुंदन कुमार ने बताया कि बूम बंद होने की प्रक्रिया में ही तकनीकी गड़बड़ी के कारण वह क्षतिग्रस्त हो गया था। उन्होंने यह भी कहा कि समय से मिली सूचना और तकनीशियनों की तत्परता की वजह से बड़ा हादसा टल गया। प्रभारी ने बताया कि मरम्मत होने के बाद अब यातायात और रेल परिचालन पूरी तरह सामान्य है। स्थानीय लोगों ने रेलवे प्रशासन से मांग की है कि व्यस्त समय में ऐसे फाटकों की नियमित मॉनिटरिंग और मेंटेनेंस सुनिश्चित किया जाए, ताकि भविष्य में ऐसी परेशानियों से बचा जा सके।

नागरिकों का कहना है कि यह फाटक डुमरांव के लिए एक प्रमुख मार्ग है, जहां थोड़ी सी भी समस्या पूरे यातायात तंत्र को प्रभावित कर देती है। बुधवार की इस घटना ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया कि तकनीकी उपकरणों की समय पर देखभाल कितनी जरूरी है।तकनीकी खराबी के कारण हुए अस्थायी अव्यवस्था के बावजूद रेलवे टीम की तत्परता से स्थिति नियंत्रण में आई और लगभग घंटे भर बाद पूरे क्षेत्र में यातायात फिर से सामान्य रफ्तार पकड़ सका।