मूसलाधार बारिश से अयोध्या हुई 'पानी-पानी'
राम मंदिर निर्माण के बाद अयोध्या अब एक बार फिर चर्चा में आ गया।इस बार अयोध्या का चर्चा का विषय है मानसून।
केटी न्यूज़/अयोध्या
राम मंदिर निर्माण के बाद अयोध्या अब एक बार फिर चर्चा में आ गया।इस बार अयोध्या का चर्चा का विषय है मानसून।उत्तर प्रदेश के अयोध्या में बुधवार को भोर बिजली की कड़कडाहट के साथ मूसलाधार बारिश हुई।यहां एक बार फिर रामपथ पर सीवर के लिए खोदे गए गड्ढे पर सड़क धंस गई।राम पथ पर गड्ढे के धंसने से रास्ते में आवागमन जाम हो गया। जेसीबी से राम पथ की एक लेन को रोक कर मरम्मत का काम शुरू किया गया।रामपथ के दोनों तरफ के दुकानदारों ने बताया कि सड़क ऊंची कर देने के बाद सीवर लाइन को घरों की नालियों से नहीं जोडा गया, जिससे पानी दुकानों में घुस गया। इससे लाखों के सामान खराब हो गए हैं।मंदिर के पुजारी संतोष कुमार तिवारी ने बताया कि मूसलादार बारिश के बावजूद राम मंदिर में पानी छत से नीचे नहीं पहुंच सका। राम मंदिर में वाटर प्रूफिंग करने के कारण पानी नहीं टपका।राम जन्मभूमि से चंद कदम दूर जलवानपुरा में आए दिन जलभराव की समस्या रहती है।
नगर में सीवर लाइन का घरों की नालियों से कनेक्ट न होने के कारण कई मोहल्लों में घरों में पानी घुसा, तो पूरा घर तीन फीट पानी से डूब गया। गड्ढे के कारण रामपथ पर, विद्या मंदिर स्कूल से जिला अस्पताल तक बैरियर लगाकर एक तरफ का रोड बंद कर दी गई।बुधवार को तेज बारिश से बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय के अंदर पेड़ गिरा, तो वहीं जल निकासी की व्यवस्था न होने के कारण बेसिक शिक्षा निदेशक कार्यालय, पीडब्ल्यूडी कार्यालय, जिला पशु चिकित्सालय सहित कई कार्यालयों में पानी भर गया। पुलिस लाइन गेट से फव्वारा चौराहे तक रोड पर लबालब पानी भर गया। जलवानपुरा में बारिश के पानी से दर्जनों घरों में कई फीट पानी भर गया। कई घरों के बेड, सोफा, फ्रिज और किचन तक पानी में डूबे, तो दर्जनों परिवार में लाखों की संपत्ति का नुकसान हो गया। पीड़ितों का कहना है कि अधिकारियों की उदासीनता से दर्जनों परिवारों का जनजीवन बरसात में अस्त-व्यस्त हो जाता है।