बलिया: सुल्तानपुर गांव में बाढ़ से हालात बेकाबू, घरों में पानी, खाने-पीने की कमी, इलाज की सुविधा नहीं

बलिया। सुल्तानपुर गांव चारों तरफ से बाढ़ के पानी से घिरा हुआ है। पानी अब घरों में घुसने वाला है, और कुछ हिस्से पहले ही डूब चुके हैं। ग्रामीणों का कहना है कि हम पिछले तीन दिनों से छतों पर रहने को मजबूर हैं, लेकिन प्रशासन की तरफ से अब तक कोई मदद नहीं मिली है।

बलिया: सुल्तानपुर गांव में बाढ़ से हालात बेकाबू, घरों में पानी, खाने-पीने की कमी, इलाज की सुविधा नहीं

केटी न्यूज़। बलिया 

बलिया।  सुल्तानपुर गांव चारों तरफ से बाढ़ के पानी से घिरा हुआ है। पानी अब घरों में घुसने वाला है, और कुछ हिस्से पहले ही डूब चुके हैं। ग्रामीणों का कहना है कि हम पिछले तीन दिनों से छतों पर रहने को मजबूर हैं, लेकिन प्रशासन की तरफ से अब तक कोई मदद नहीं मिली है। गांव में लोगों में काफी नाराज़गी है। 

यह मामला फेफना थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत पक्काकोट के सुल्तानपुर गांव का है, जहां बाढ़ का पानी गांव के कुछ हिस्सों को चारों तरफ से घेर चुका है, जिससे लोगों का आना-जाना बंद हो गया है। गांव के निवासियों सुनिल राजभर, हलचल राजभर, अनु राजभर, मनकिया देवी, और कोशिका देवी ने बताया कि बाढ़ के कारण हमारा रास्ता बंद हो गया है और पानी लगातार बढ़ रहा है। रात को घरों में पानी के साथ सांप और बिच्छू के डर में रहना पड़ता है।

घर में राशन नहीं बचा

ग्रामीणों का कहना है कि घरों के चारों तरफ पानी भर गया है, जिससे बाहर जाना मुश्किल हो गया है। खाने-पीने का सामान भी खत्म हो गया है, और फसलें भी बर्बाद हो गई हैं, जिससे अब राशन की कोई उम्मीद नहीं बची है। 

कोई स्वास्थ्य सुविधा नहीं

ग्रामीणों ने बताया कि बाढ़ के कारण स्वास्थ्य सुविधाएं भी नहीं हैं। अगर रात में किसी की तबीयत खराब हो जाए या कोई आपात स्थिति हो, तो इलाज के लिए कोई सुविधा नहीं है। पानी में जहरीले जीव जैसे सांप और बिच्छू भी आ रहे हैं, जिससे घरों में खतरा बना हुआ है।

धान और बाजरे की फसलें तबाह

पक्काकोट के नागेंद्र यादव ने बताया कि बाढ़ के कारण 30 से 40 बीघा धान की फसलें पूरी तरह डूब गई हैं। इसके अलावा मक्का और बाजरे की फसलें भी बर्बाद हो गई हैं, जिससे मवेशियों के चारे की कमी होने की संभावना बढ़ गई है।