बिहार की सबसे बड़ी खबर: तेजस्वी यादव के कार्यकाल में लिये गये फैसलों पर लगी रोक, जांच के बाद कार्रवाई होगी
बिस में एनडीए सरकार के विश्वासमत हासिल करने बाद मुख्यमंत्री के द्वारा राजद पर बहुत बड़ा आरोप लगया था। मुख्मंत्री नीतीश कुमार ने अपने संबोधन में बोले थे कि राजद मंत्री व विधायक लोग सरकार में काम करने के बजाय माल कमा रहे थे। अपने वयान के ठीक चार दिन बाद इस पर कड़ा एक्शन लिए है..............
केटी न्यूज/ पटना
बिस में एनडीए सरकार के विश्वासमत हासिल करने बाद मुख्यमंत्री के द्वारा राजद पर बहुत बड़ा आरोप लगया था। मुख्मंत्री नीतीश कुमार ने अपने संबोधन में बोले थे कि राजद मंत्री व विधायक लोग सरकार में काम करने के बजाय माल कमा रहे थे। अपने वयान के ठीक चार दिन बाद इस पर कड़ा एक्शन लिए है। उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के द्वारा अपने कार्यकाल का में जो फैसले किए थे।
सभी पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दिए है। इसके अलावे राजद कोटे के दो अन्य तत्कालीन मंत्रियों के द्वारा लिए गये फैसले पर रोक लगायी गयी है। सभी फैसलों की जांच होगी उसके बाद ही आगे की कार्रवाई की जायेगी। नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग की ओर से जारी आदेश में फैसला लिया गया है। जिसमें स्पष्ट निर्देश है कि सरकार के स्वास्थ्य विभाग, पथ निर्माण विभाग, नगर विकास एवं आवास विभाग, ग्रामीण कार्य विभाग, खान एवं भूतत्व विभाग औऱ लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग में एक अप्रैल 2023 से मंत्री के स्तर पर जो काम किये गये थे या फैसले लिये गये थे उन्हें तत्काल रोक दिया जाये।
उन तमाम फैसलों की समीक्षा की जाये औऱ जरूरी हो तो उसमें संशोधन किया जाये। पुराने मंत्री द्वारा लिये गये फैसलों की जानकारी मौजूदा मंत्री को दिया जाये औऱ उऩसे जरूरी दिशा निर्देश लिया जाये। वहीं राजद के दो और तत्कालीन मंत्रियों के कामकाज की जांच के आदेश जारी हुए हैं। राजद केोटे से रामानंद यादव खान एवं भूतत्व विभाग में मंत्री थे। वहीं ललित यादव लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग कार्य देख रहे थे। नीतीश कुमार ने दोनों राजद के मंत्रियों के फैसलों को भी रोकने का निर्देश दिए है। आदेश में कहा गया है कि समीक्षा का निर्देश जारी किया गया है।
बिहार में एनडीए की नई सरकार बनने के बाद ही बिहार के उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने घोषणा किये थे कि तेजस्वी ने उपमुख्यमंत्री और मंत्री रहते जो भी निर्णय लिया था, सभी कार्यों की जांच करायेंगे। जिसके बाद सारे फाइल खोले दिए जायेंगे। वहीं सीएम नीतीश कुमार ने भी राजद की करनामें की जांच कराने का एलान कर चुके थे।
इससे पहले शुक्रवार को उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने श्रम संसाधन विभाग में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए उसकी जांच दिये थे। विजय सिन्हा के द्वारा श्रम संसाधन विभाग की कई फाइलें खंघाली गई थी। श्रम संसाधन विभाग के तहत ही बिहार के सारे आईटीआई कॉलेज आते हैं। सिन्हा ने सारे फाइलों के समीक्षा के बाद कहा कि आईटीआई कॉलेजों में मशीनरी औऱ दूसरे सामानों की खरीद-फरोख्त में भारी मात्रा में धांधली पकड़ी गयी।
सिन्हा के अनुसार दो हजार से पांच हजार का सामान पचास हजार में खरीदादारी की गई है। बडे पैमाने पर ऐसे सामानों की खरीदी गई है। जिसके जांच के आदेश दे दिये है। पहले विभागीय स्तर पर जांच की जाएगी। अगर जरूरत पड़ी तो निगरानी से भी जांच करायी जायेगी। इसके अलावे दागियों के ट्रांस्फर-पोस्टिंग की जांच की जाएगी।