बक्सर बना ड्रग्स का अड्डा, पुलिस की बड़ी कार्रवाई में 2.75 करोड़ की हेरोइन बरामद
बक्सर पुलिस ने एक बार फिर जिले को हिला देने वाला खुलासा किया है। महज 48 घंटे के भीतर हुई दो ताबड़तोड़ छापेमारियों में पुलिस ने 2 किलो 540.6 ग्राम हेरोइन बरामद की है। इसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में अनुमानित कीमत करीब 2.75 करोड़ रुपए है। कार्रवाई में पांच तस्कर गिरफ्तार किए गए हैं, जिनमें पिता-पुत्र से लेकर पति-पत्नी तक शामिल हैं।

-- दो दिनों में 5 तस्कर गिरफ्तार, घर-परिवार से लेकर गिरोह तक फैला नेटवर्क, डुमरांव एसडीपीओ ने प्रेस वार्ता में दी जानकारी
केटी न्यूज/बक्सर
बक्सर पुलिस ने एक बार फिर जिले को हिला देने वाला खुलासा किया है। महज 48 घंटे के भीतर हुई दो ताबड़तोड़ छापेमारियों में पुलिस ने 2 किलो 540.6 ग्राम हेरोइन बरामद की है। इसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में अनुमानित कीमत करीब 2.75 करोड़ रुपए है। कार्रवाई में पांच तस्कर गिरफ्तार किए गए हैं, जिनमें पिता-पुत्र से लेकर पति-पत्नी तक शामिल हैं।
इस मामले में डुमरांव एसडीपीओ पोलस्त कुमार ने प्रेस वार्ता आयोजित कर जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि पहली कार्रवाई डुमरांव थाना क्षेत्र के दक्षिण टोला से शुरू हुई। पुलिस ने यहां से राजेश राय उर्फ गोलू राय और उसके पिता उमेश राय को धर दबोचा। तलाशी में उनके पास से 5.5 ग्राम हेरोइन और 8,500 रुपए नकद मिले। पुलिस को शायद यही उम्मीद थी कि छोटे पैमाने पर काम करने वाले ये लोग किसी बड़े नेटवर्क का हिस्सा होंगे। पूछताछ में दोनों ने तुरंत एकौनी निवासी नारायण उपाध्याय का नाम उगल दिया।
-- नारायण उपाध्याय का ड्रग्स डेन
जैसे ही पुलिस टीम नारायण उपाध्याय के घर पहुंची, मामला और बड़ा हो गया। छापेमारी में 2.256 किलो हेरोइन, 108 ग्राम संदिग्ध पॉलिथीन पाउडर, पैकिंग सामग्री और कई आपत्तिजनक सामान बरामद हुए। नारायण ने स्वीकार किया कि वह अपनी पत्नी कंचन देवी के साथ इस धंधे को चला रहा था। पति-पत्नी की इस ‘काली कमाई’ का सिलसिला नया नहीं है। पुलिस रिकॉर्ड बताता है कि उस पर पहले से ही एनडीपीएस एक्ट और आर्म्स एक्ट के कई मामले दर्ज हैं।
बक्सर पुलिस की इस सफलता ने एक खतरनाक सच्चाई उजागर की है कि नशे का कारोबार अब घरों की चारदीवारी में पल रहा है। एक सामान्य दिखने वाला परिवार असल में करोड़ों के अवैध कारोबार में लिप्त था। स्थानीय लोगों को भनक तक नहीं थी कि उनके आसपास इतने बड़े पैमाने पर हेरोइन का कारोबार चल रहा है।
-- दूसरी कार्रवाई, केसठ नहर रोड पर गिरा जाल
इसी दौरान पुलिस की दूसरी टीम कोरानसराय थाना क्षेत्र में सक्रिय थी। केसठ नहर रोड पर घेराबंदी कर कोरानसराय के रानीबाग निवासी पिंटू यादव उर्फ विवेक यादव को पकड़ा गया। उसके पास से 229.1 ग्राम हेरोइन, 4.30 लाख रुपए नकद और पैकिंग सामग्री मिली। यह वही पिंटू यादव है, जिस पर पहले से एनडीपीएस एक्ट और आर्म्स एक्ट के कई मुकदमे दर्ज हैं। साफ है कि गिरफ्तारी के बाद भी जेल से बाहर आते ही वह दोबारा उसी धंधे में लौट जाता था।
-- हथियार, गाड़ियां और पैकिंग सिस्टम भी जब्त
दोनों कार्रवाइयों के दौरान सिर्फ नशा ही नहीं, बल्कि उसे फैलाने का पूरा सिस्टम भी बरामद हुआ। पुलिस ने एक कार, इलेक्ट्रिक तराजू, मोबाइल फोन, चाकू और पैकिंग सामग्री जब्त की है। यह साफ करता है कि ये लोग संगठित तरीके से कारोबार कर रहे थे।
-- एसडीपीओ के नेतृत्व में संयुक्त टीम
पूरा ऑपरेशन डुमरांव अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी पोलस्त कुमार के नेतृत्व में चला। इसमें डुमरांव और कोरानसराय थानों की पुलिस, डीआईयू टीम, राजस्व कर्मी और सशस्त्र बल शामिल थे। एसपी ने इसे मादक पदार्थों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में बड़ी सफलता करार दिया है।
-- बक्सर क्यों बन रहा है नशे का गढ़
पिछले कुछ वर्षों में बक्सर में एनडीपीएस एक्ट के मामलों में लगातार वृद्धि हुई है। जानकारों का कहना है कि गंगा और सीमावर्ती इलाकों के रास्ते इस अवैध कारोबार को पनाह मिलती है। छोटे-छोटे कस्बों और गांवों में रहने वाले लोग बड़ी मछलियों के लिए ‘कूरियर’ की भूमिका निभाते हैं। इस बार की कार्रवाई से यह भी साबित हो गया कि नशे का नेटवर्क अब पारिवारिक स्तर तक पैठ चुका है।
-- पुलिस के लिए चुनौती, गिरफ्तारी से आगे की रणनीति
हालांकि पुलिस ने इस बार 5 तस्करों को जेल भेज दिया है, लेकिन यह भी सच है कि गिरफ्तारियों के बाद भी अक्सर ये लोग जमानत पाकर बाहर आ जाते हैं और फिर वही धंधा शुरू कर देते हैं। सवाल यही है कि क्या केवल छापेमारी से इस जड़ को काटा जा सकता है? या फिर अदालतों में पुख्ता सबूत पेश कर इन्हें सख्त सजा दिलवाना ही असली जीत होगी।
-- स्थानीय समाज के लिए चेतावनी
यह घटना सिर्फ पुलिस की सफलता की कहानी नहीं, बल्कि समाज के लिए चेतावनी भी है। जब पति-पत्नी और पिता-पुत्र तक इस गंदे धंधे में कूद पड़े हैं, तो साफ है कि नशा अब घरों की नींव हिला रहा है। ऐसे में सिर्फ पुलिस ही नहीं, बल्कि समाज को भी जागरूक होकर इसकी रोकथाम में भूमिका निभानी होगी।
कुल मिलाकर, यह कार्रवाई पुलिस की बड़ी जीत है, लेकिन यह भी सामने आया है कि जिले में नशे का नेटवर्क गहरी जड़ें जमा चुका है। इसे खत्म करने के लिए अब लंबी और कठोर लड़ाई जरूरी है।