बोले समिति के सदस्य... कृत्रिम तालाब में बहुत कम था पानी
मां दुर्गा की प्रतिमाओं का विसर्जन सोमवार की देर रात हुआ। पूजा समितियों द्वारा प्रतिमाओं का नगर भ्रमण कराने के बाद टीचर ट्रेनिंग कॉलेज के पीछे नगर परिषद द्वारा खुदवाए गए कृत्रिम तालाब में विसर्जन किया गया।
केटी न्यूज/डुमरांव
मां दुर्गा की प्रतिमाओं का विसर्जन सोमवार की देर रात हुआ। पूजा समितियों द्वारा प्रतिमाओं का नगर भ्रमण कराने के बाद टीचर ट्रेनिंग कॉलेज के पीछे नगर परिषद द्वारा खुदवाए गए कृत्रिम तालाब में विसर्जन किया गया। यह सिलसिला रात डेढ़ बजे तक जारी था। हालांकि इस बार का प्रतिमा विसर्जन विवादों से घिरा रहा। एक तरफ कई पूजा समिति के सदस्यों ने आरोप लगाए है कि विसर्जन के लिए नगर परिषद प्रशासन द्वारा जो कृत्रिम तालाब खुदवाया गया था उसमें पर्याप्त पानी नहीं था। जिसके कारण प्रतिमा पानी में सही से विसर्जित नहीं हो पा रही थी। ऐसे में वहां तैनात गोताखोर प्रतिमाओं पर चढ़कर उसे पानी में डूबोने का प्रयास कर रहे थे। पूजा समिति के लोगों ने इसे देवी-देवताओं का अपमान बताया है। उनका कहना है कि नौ दिनों तक जिन्हें विधि-विधान से पूजा गया उनका इस तरह अनादर करते हुए विदाई दी जाएगी, इसकी उन्होंने कल्पना नहीं की थी।
वहीं प्रशासन द्वारा प्रतिमाओं का विसर्जन कराने के लिए जिस रास्ते का चुनाव किया गया था वह भी काफी संकरा था, जिस कारण शाम से मध्य रात्रि तक ट्रैफिक व्यवस्था पूरी तरह से बेपटरी हो गई थी। आलम यह था कि पूजा समिति सदस्यों को अपनी प्रतिमाओं के विसर्जन के लिए घंटों सड़क पर खड़ा होना पड़ा था। सड़क पर भीषण जाम के कारण पूजा समिति सदस्यों को खासी परेशानियों का सामना भी करना पड़ा। जाम के कारण ही प्रतिमाओं के विसर्जन में विलंब भी हुआ। इस संबंध में केशव टाइम्स ने पूजा समिति सदस्यों से बात कर उनकी समस्याओं को साझा किया है...
1 - रिंकू कुमार - आदि शक्ति मां दुर्गा पूजा समिति अध्यक्ष रिंकू कुमार का कहना है कि कृत्रिम तालाब में पर्याप्त पानी नहीं था, जिस कारण मूर्तियों का विसर्जन नहीं हो पा रहा था। उन्होंने कहा कि प्रशासन द्वारा तैनात गोताखोर मूर्तियों पर खड़े हो उसे पानी में डूबाने का प्रयास कर रहे थे। यह देख पीड़ा हो रही थी कि ऐसा करके गोताखोर देवी-देवताओं का अपमान कर रहे थे।
2 - संतोष कुमार - शहीद गेट दुर्गा पूजा समिति के संतोष कुमार की मानें तो वे लोग अपनी मूर्ति का नगर भ्रमण कराते हुए चौक पर पहुंचे थे कि भयंकर जाम लग गया। रात 12 बजे तक जाम से मुक्ति नहीं मिली। मूर्ति को विसर्जन स्थल तक ले जाने की कोई व्यवस्था नहीं थी, लिहाजा मजबूर हो छठिया पोखरा में ही विसर्जन करना पड़ा।
3 - कृष्णा कुमार - नवयुवक दल दुर्गा पूजा समिति फूलचंद कानू पथ के कृष्णा कुमार ने बताया कि प्रतिमा विसर्जन के दौरान स्टेशन रोड में मूर्तियों की लंबी लाईन लग गई थी। निर्धारित स्थल पर जाने के लिए टिचर टेज्निंग कॉलेज मोड़ के पास काफी संकरा रास्ता था। जिस कारण सभी पूजा समिति सदस्यों को परेशानी का सामना करना पड़ा।
4 - दिव्यदीप केशरी - नया थाना के पास स्थित पूजा समिति के दिव्यदीप केशरी की माने तो स्टेशन रोड में लंबा जाम लगने से प्रतिमा विसर्जन के लिए खुदवाए गए कृत्रिम तालाब तक पहुंचने में घंटों जाम में फंसना पड़़ा। जिस कारण सदस्यों को काफी परेशानी हो रही थी। दिव्यदीप ने कहा कि उक्त जगह पर जाने के लिए मुख्य सड़क से काफी पतला रास्ता होने से एक समय में मात्र एक ही वाहन पास कर रहा था। जिस कारण सभी को फजीहत उठानी पड़ी।
5 - गोलू कुमार - श्री वीर बालक दुर्गा पूजा समिति जवाहिर मंदिर के गोलू कुमार ने बताया कि विसर्जन स्थल पर कोई व्यवस्था नहीं थी। कृत्रिम तालाब में बहुत कम पानी था, उपर से वहां की मिट्टी धंस रही थी। उन्होंने कहा कि प्रतिमा विसर्जन के लिए नगर परिषद की व्यवस्था व तैयारी संतोषप्रद नहीं थी। जिससे विसर्जन के दौरान भारी अव्यवस्था हो गई थी। उन्होंने कहा कि गोताखोर बलपूवर्क मूर्तियों को पानी में डूबोने का प्रयास कर रहे थे। यह देवी देवताओं का अपमान है।
6 - अजय कुमार - आदि शक्ति मां दुर्गा पूजा समिति व्यापार मंडल के अजय कुमार का कहना है कि दुगार्पूजा बड़ा त्योहार है तथा इस बार डुमरांव में दो दर्जन से अधिक पंडालों में मूर्तियों को स्थापित किया गया था। इसे देखते हुए विसर्जन स्थल का दायरा भी बड़ा होना चाहिए था, जबकि ऐसा नहीं हुआ। वहीं, जाम से निजात दिलाने का कोई फौरी कदम नहीं उठाया गया। जिस कारण मध्य रात्रि तक पूजा समिति के सदस्य मूर्तियों के विसर्जन के लिए परेशान थे।
क्या कहते हैं ईओ
नगर परिषद द्वारा जो कृत्रिम तालाब खुदवाया गया था उसमें 14 फीट तक पानी भरा गया था। पानी की कोई कमी नहीं थी, ऐसा आरोप बेबुनियाद है। सड़क पर जाम हटवाना स्थानीय प्रशासन की जिम्मेवारी है। नगर परिषद ने प्रतिमा विसर्जन के लिए अपने स्तर से काफी अच्छी तैयारी की थी। इसका परिणाम भी सामने आया कि उक्त जगह सभी प्रतिमाओं का विसर्जन हो गया।