एनएच 120 मुख्य सड़क बना खास, रेलवे गुमटी की सड़क बनने की टूटने लगी आस

एनएच 120 मुख्य सड़क बना खास, रेलवे गुमटी की सड़क बनने की टूटने लगी आस
गड्ढों से भरा रेलवे ट्रैक की सड़क

- रेलवे ट्रैक की सड़क गड्ढों में हुई तब्दील, हादसे का बना खतरा

केटी न्यूज/डुमरांव 

भोजपुर-बिक्रमगंज मुख्य सड़क को एनएच 120 का दर्जा मिला और यह सड़क अनुमंडल के लिए खास बन गया। इस सड़क से गुजरने वाले वाहन दानापुर-बक्सर रेलखंड के डुमरांव स्टेशन स्थित पश्चिमी गुमटी पर काफी मशक्कत करते है। रेलवे ट्रैक की सड़क गड्ढे में तब्दील हो गयी है, जहां आते-जाते दो पहिया, तीन पहिया और चार पहिया वाहन गड्ढे में फंस जाते है और वाहनों के पलटने का खतरा भी बना रहता है। रेलवे ट्रैक की सड़क जानलेवा बनने के बाद भी रेल विभाग उदासीन बना है और यहां हादसे का खतरा बना रहता है। इस सड़क पर ओवरब्रिज नहीं बनने से लोगो के परेशानी का सबब बन गया है। गुमटी के बंद होने से महाजाम की स्थिति बन जाती है। तपती गर्मी व लू के थपेड़ों में भी लोग घंटो जाम में फंसे रहते है।

राहगीरों के सब्र का बांध टूटने से गुमटी बंद होने के बाद भी रेलवे ट्रैक को वह खुलेआम पार करते नज़र आते है। इस परिस्थिति में आये दिन लोग हादसे का शिकार बनते है। रेल पटरी पार करने के दौरान कई लोग अपनी जान गंवा बैठे है फिर भी लोग जान जोखिम में डालकर पटरी को पार करते है। इस समस्या से निजात पाने के लिए करीब तीन वर्ष पूर्व ही सड़क ओवरब्रिज निर्माण को लेकर पहल शुरू हुई थी। रेल विभाग की टीम ने निर्माण के लिए मिट्टी सहित अन्य तकनीकों की जांच किया था। विभाग द्वारा मानक पूरा करने के बाद भी सड़क ओवरब्रिज निर्माण का मामला अधर में लटका है। बताया जाता है कि डुमरांव एक ऐसा स्टेशन है जो राजस्व के मामले में भले ही औव्वल है लेकिन यात्री सुविधाओं के मामले में फिसड्डी साबित हो रहा है। यात्री कल्याण समिति ने बताया कि सड़क ओवरब्रिज के निर्माण को लेकर बक्सर सांसद ने पूरा कराने का वादा किया था। दोबारा मंत्रिमंडल में शामिल होने के बाद विकास की आस जगी थी लेकिन लोगों को ओवरब्रिज बनने का सपना धुंधला पड़ने लगा है।

 दो एनएच को जोड़ता है यह गुमटी

स्टेशन के पश्चिमी 64 नंबर गुमटी की मुख्य सड़क एनएच 120 और एनएच 922 को जोड़ता है। इस सड़क पर 24 घंटे में करीब 70 हजार वाहनों का आवागमन होता है। गुमटी के बंद होने से दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतारें लग जाती है और महाजाम का नजारा बन जाता है। इस जाम में आलाधिकारियों के वाहनों के साथ-साथ एम्बुलेंस व स्कूली बसे भी फंसी रहती है। गुमटी के खुलने के बाद भी वाहनों को पार करनेमे काफी मशक्कत करनी पड़ती है। 

 आठ घंटे बंद रहती है हर रोज गुमटी

डुमरांव रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की सुविधा को लेकर अप और डाउन में हर दिन करीब 50 टेªनों का आवागमन होता है। एक ट्रेन को पार कराने में संभावित रेल गुमटी 10 मिनट तक बंद रहती है। इस तरह 50 ट्रेनों के आवागमन में करीब आठ घंटे तक हर रोज रेल गुमटी बंद रहती है, जिस वजह से राहगीरों को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। यात्री रोहित कुमार, राजकुमार, श्याम जायसवाल, मनीष कुमार, महेंद्र राय, कृष्णा चंद्रवंशी का कहना है कि रेलवे गुमटी पर ट्रैफिक पुलिस की व्यवस्था होने से वाहनों के आवागमन होने में राहत मिलेगी।

 डॉ सुभाष चंद्रशेखर - रेलवे पश्चिमी गुमटी पर एक तरफ महाजाम की स्थिति बनी रहती है तो दूसरी तरफ रेलवे ट्रैक की सड़क गड्ढे में तब्दील हो गयी है, जिसे पार करने में हादसे की आशंका बनी रहती है और वाहन के साथ पार करने में भय बना रहता है।

मोहन गुप्ता - रेलवे ट्रैक की सड़क के गड्ढे में अधिकांशतः चार पहिया वाहन फंस जाते है, जिसे निकालने में काफी मशक्कत करनी पड़ती है। ट्रेन आने का भी डर बना रहता है। पीछे वाले वाहन से भी टकराने का खतरा रहता है।

 अविनाश सिंह - अनुमंडल का यह मुख्य सड़क है। इस सड़क के पश्चिमी रेलवे गुमटी का ट्रैक सड़क पर जान हथेली पर लेकर वाहन को पार करते है। यहां हादसों का डर बना रहता है। गड्ढे में फंसते ही भगवान को याद करते है।

विजय साह - डुमरांव अनुमंडल का यह मुख्य सड़क पर वाहनों का दबाव रहता है। यह सड़क मुख्य रूप से बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश को जोड़ता है। सड़क के बीचोबीच रेलवे पश्चिमी गुमटी के रेलवे ट्रैक सड़क जानलेवा बन गया है।