राजपुर-कौआ खोंच मुख्य नहर पथ बदहाल, बोले ग्रामीण शीघ्र मरम्मत कराए सरकार

राजपुर से कौआ खोंच को जोड़ने वाला मुख्य नहर पथ पूरी तरह जर्जर हो चुका है। सड़क की हालत इतनी खतरनाक हो गई है कि इस पर चलना आए दिन जान जोखिम में डालने जैसा हो गया है। हर 500 मीटर पर गहरे गड्ढों ने सड़क का स्वरूप मिटा दिया है। स्थिति यह है कि पिछले कई महीनों से बड़े वाहनों का परिचालन पूरी तरह ठप पड़ गया है। स्थानीय ग्रामीणों से लेकर छात्रों तक, सभी वर्ग सड़क की दुर्दशा से त्रस्त हैं, लेकिन मरम्मत के नाम पर अब तक किसी प्रकार की पहल शुरू नहीं हुई है।

राजपुर-कौआ खोंच मुख्य नहर पथ बदहाल, बोले ग्रामीण शीघ्र मरम्मत कराए सरकार

केटी न्यूज/बक्सर

राजपुर से कौआ खोंच को जोड़ने वाला मुख्य नहर पथ पूरी तरह जर्जर हो चुका है। सड़क की हालत इतनी खतरनाक हो गई है कि इस पर चलना आए दिन जान जोखिम में डालने जैसा हो गया है। हर 500 मीटर पर गहरे गड्ढों ने सड़क का स्वरूप मिटा दिया है। स्थिति यह है कि पिछले कई महीनों से बड़े वाहनों का परिचालन पूरी तरह ठप पड़ गया है। स्थानीय ग्रामीणों से लेकर छात्रों तक, सभी वर्ग सड़क की दुर्दशा से त्रस्त हैं, लेकिन मरम्मत के नाम पर अब तक किसी प्रकार की पहल शुरू नहीं हुई है।

-- रोजमर्रा की जिंदगी पर असर, सफर में बढ़ रही दुश्वारियां

यह मार्ग बक्सर-चौसा होकर रोहतास जिले के कई गांवों को जोड़ता है और प्रतिदिन सैकड़ों ग्रामीण इसी पथ से आवाजाही करते हैं। धनसोई, बन्नी, छतौना, दुल्फा, सिकठी और सुजायतपुर समेत सात से अधिक पंचायतों के लोगों के लिए यह सड़क प्रखंड मुख्यालय राजपुर पहुंचने का प्रमुख साधन है। करीब 22 किलोमीटर लंबे इस रास्ते पर गड्ढों की भरमार के कारण जहां पहले 40-45 मिनट में दूरी तय होती थी, वहीं अब दो से ढाई घंटे लगना आम बात हो गई है। मरीजों, गर्भवती महिलाओं तथा आपातकालीन स्थिति में लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

-- छतौना, दुल्फा और लालाचक के पास सबसे ज्यादा खतरा

ग्रामीणों के अनुसार छतौना, दुल्फा और लालाचक के समीप सड़क की हालत सबसे खतरनाक है। यहां दो से ढाई फीट तक गहरे गड्ढे बन चुके हैं, जिनमें बारिश के दौरान पानी भर जाने से सड़क तालाब में तब्दील हो जाती है। बरसात के दिनों में हालात और बिगड़ जाते हैं। लोग मजबूरन करीब 50 किलोमीटर लंबा वैकल्पिक रास्ता चुनते हैं, जिससे समय के साथ-साथ आर्थिक बोझ भी बढ़ जाता है।स्कूल जाने वाले बच्चों की परेशानी भी कम नहीं है। गड्ढों में भरे कीचड़युक्त पानी से उनके कपड़े रोज गंदे हो जाते हैं, जिस कारण अक्सर उन्हें स्कूल में फटकार भी सुननी पड़ती है।

-- 20 साल से मरम्मत का इंतजार, ग्रामीणों में गहरी नाराजगी

स्थानीय निवासी चंदन सिंह, विजेंद्र सिंह, रवि रंजन सिंह, गौतम सिंह, आजाद सिंह, परमेश्वर सिंह और दीवान सिंह ने बताया कि इस सड़क का निर्माण वर्ष 2005 में हुआ था। तब से लेकर आज तक इस पर किसी तरह की मरम्मत नहीं की गई। ग्रामीणों ने कई बार जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों से शिकायत की, लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है।ग्रामीणों ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि इस बार सड़क को दुरुस्त करने की दिशा में ठोस कार्रवाई नहीं हुई, तो आने वाले चुनाव में जनता इसका सख्त जवाब देगी। उनका कहना है कि नेताओं ने चुनाव के समय विकास और सड़क सुधार के बड़े-बड़े वादे किए थे, लेकिन चुनाव जीतने के बाद सब भूल गए।

-- सड़क मरम्मत की मांग तेज, जल्द कार्रवाई की उम्मीद

मुख्य नहर पथ की जटिल स्थिति को देखते हुए ग्रामीणों की नाराजगी लगातार बढ़ रही है। लोगों ने प्रशासन से जल्द से जल्द सड़क निर्माण कार्य शुरू कराने की मांग की है। उनका कहना है कि यह सड़क न सिर्फ बक्सर और रोहतास की कड़ी है, बल्कि सैकड़ों परिवारों की दैनिक जरूरतों का आधार भी है।लोगों को उम्मीद है कि क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि और प्रशासन इस गंभीर समस्या पर ध्यान देंगे और जल्द समाधान सुनिश्चित करेंगे, ताकि ग्रामीणों को राहत मिल सके और वर्षों से उपेक्षित यह सड़क फिर से सुगम यात्रा का साधन बन सके।