सड़क किनारे लापरवाही से खड़ी पिकअप से टकराई बाइक, युवक की मौके पर मौत

राष्ट्रीय राजमार्ग-319 एक बार फिर लापरवाही से खड़ी गाड़ियों के कारण हादसे का गवाह बना। मंगलवार की शाम उसरा गांव के पास 22 वर्षीय युवक की दर्दनाक मौत ने न केवल उसके परिवार को बिखेर दिया, बल्कि सड़क सुरक्षा व्यवस्था पर भी बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है।

सड़क किनारे लापरवाही से खड़ी पिकअप से टकराई बाइक, युवक की मौके पर मौत

-- एनएच पर मौत बनकर खड़ी रहती है गाड़िया, ग्रामीण बोले जिम्मेदार कौन

केटी न्यूज़/नावानगर

राष्ट्रीय राजमार्ग-319 एक बार फिर लापरवाही से खड़ी गाड़ियों के कारण हादसे का गवाह बना। मंगलवार की शाम उसरा गांव के पास 22 वर्षीय युवक की दर्दनाक मौत ने न केवल उसके परिवार को बिखेर दिया, बल्कि सड़क सुरक्षा व्यवस्था पर भी बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है।

मृतक की पहचान सोनवर्षा थाना क्षेत्र के ब्रह्ममटोला निवासी शिवशंकर यादव उर्फ गुदानी यादव के पुत्र धर्मेन्द्र कुमार के रूप में हुई है। धर्मेन्द्र मंगलवार को बाइक से जगदीशपुर से अपने गांव लौट रहा था। शाम करीब सवा चार बजे उसरा गांव के पास सड़क किनारे खड़ी एक पिकअप से उसकी बाइक जोरदार तरीके से टकरा गई। टक्कर इतनी भयावह थी कि मौके पर ही उसकी मौत हो गई। बाइक पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई और परिवार का इकलौता बेटा असमय काल के गाल में समा गया।

-- फरार हो गया पिकअप चालक

हादसे के बाद पिकअप चालक गाड़ी लेकर मौके से फरार हो गया। ग्रामीणों का कहना है कि यदि वाहन को सड़क किनारे नियमपूर्वक खड़ा किया गया होता तो हादसा टल सकता था। कई लोगों ने बताया कि एनएच-319 पर ट्रक और पिकअप ड्राइवर अक्सर बेतरतीब ढंग से गाड़ियां खड़ी कर देते हैं, जिससे हमेशा दुर्घटना का खतरा बना रहता है।

-- परिवार में कोहराम, गांव में मातम

धर्मेन्द्र की मौत की खबर जैसे ही गांव पहुंची, परिवार में कोहराम मच गया। मां-बाप बदहवास हो उठे और रिश्तेदारों का रो-रोकर बुरा हाल है। गांव में शोक का माहौल छा गया। ग्रामीणों का कहना है कि धर्मेन्द्र मेहनती और शांत स्वभाव का लड़का था, जिसकी मौत से पूरा गांव स्तब्ध है।

-- मौके पर पहुंची पुलिस

सूचना मिलते ही सोनवर्षा थाना पुलिस घटनास्थल पर पहुंची। शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए बक्सर सदर अस्पताल भेजने की प्रक्रिया शुरू की गई। थाना पुलिस ने परिजनों को सूचना दी और पिकअप चालक की तलाश में जुट गई है।

-- जिम्मेदारी तय होनी चाहिए

स्थानीय लोगों का गुस्सा सिर्फ पिकअप चालक पर नहीं, बल्कि प्रशासन पर भी है। उनका कहना है कि सड़क किनारे खड़े वाहनों पर न तो पुलिस सख्ती करती है और न ही परिवहन विभाग की ओर से कोई कार्रवाई होती है। नतीजतन इस तरह की जानलेवा घटनाएं आम हो चुकी हैं। लोग सवाल उठा रहे हैं कि जब राष्ट्रीय राजमार्ग पर रोजाना हजारों गाड़ियां गुजरती हैं, तो सड़क किनारे लापरवाही से खड़े वाहनों की जांच क्यों नहीं होती।

-- सुरक्षा इंतजामों की कमी

विशेषज्ञ बताते हैं कि राष्ट्रीय राजमार्ग पर रात-दिन गाड़ियों की तेज रफ्तार आवाजाही होती है। ऐसे में सड़क किनारे बिना इंडिकेटर या सुरक्षा संकेतक लगाए वाहन खड़ा कर देना, सीधे-सीधे दुर्घटनाओं को न्योता देना है। दुर्घटना में धर्मेन्द्र की मौत प्रशासनिक लापरवाही और ड्राइवर की गैर-जिम्मेदारी दोनों का नतीजा है।

-- जांच में जुटी पुलिस

फिलहाल पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और फरार पिकअप चालक की तलाश में दबिश तेज कर दी है। परिजनों और ग्रामीणों की मांग है कि न सिर्फ दोषी चालक पर कड़ी कार्रवाई हो, बल्कि एनएच-319 पर सड़क सुरक्षा व्यवस्था को भी दुरुस्त किया जाए, ताकि आगे किसी परिवार को इस तरह के हादसे का सामना न करना पड़े।

इस दर्दनाक हादसे ने एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि सड़क सुरक्षा नियमों की अनदेखी और प्रशासनिक लापरवाही आखिर कब तक निर्दाेष लोगों की जान लेती रहेगी।