'तारकेश्वर प्रसाद सिंह' को हत्या एवं अपहरण मामले में उम्रकैद की सजा
सारण जिले के मशरक से तीन बार विधायक रहे तारकेश्वर प्रसाद सिंह को हत्या एवं अपहरण मामले में उम्रकैद की सजा मिली है।
केटी न्यूज़/दिल्ली
सारण जिले के मशरक से तीन बार विधायक रहे तारकेश्वर प्रसाद सिंह को हत्या एवं अपहरण मामले में उम्रकैद की सजा मिली है।सोमवार को जेल से ही वीडियो कांफ्रेन्सिंग के जरिये उनकी पेशी हुई।पानापुर थाना क्षेत्र के तुर्की निवासी शत्रुघ्न प्रसाद गुप्ता के 1996 में अपहरण के बाद हत्या मामले में शामिल होने का कोर्ट ने दोषी पाया है।इस मामले में उन्हें दोषी ठहराते हुए छपरा के MP-MLA कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।इसी कांड में 2 अभियुक्त संजीव सिंह एवं पूर्व मुखिया देवनाथ राय को कोर्ट ने साक्षय के अभाव में बरी कर दिया है।
MP-MLA कोर्ट के न्यायाधीश 'सुधीर कुमार सिन्हा' ने पानापुर थाने में दर्ज प्राथमिकी के दोषी पूर्व विधायक पर भादवि की धारा 302, 364, 201 व 27 आर्म्स एक्ट के तहत उम्रकैद की सजा सुनाई।अपर लोक अभियोजक ध्रुवदेव सिंह ने अभियोजन की ओर से डॉक्टर, अनुसंधानकर्ता समेत कुल छह गवाहों की गवाही न्यायालय में कराई।दोषी करार होने के बाद पूर्व विधायक को न्यायिक हिरासत में लेकर जेल भेज दिया गया था।इससे पहले 19 अप्रैल को उन्हें दोषी ठहराया गया था।
10 जनवरी 1996 को अपने भाई शत्रुघ्न प्रसाद को गोली मारने व घायल अवस्था में जबरन उठाकर ले जाने को लेकर इस हत्याकांड के सूचक पानापुर के तुर्की ग्राम निवासी बाबूलाल गुप्ता ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी।बाबूलाल गुप्ता ने अपनी प्राथमिकी में कहा था कि वह अपनी दुकान पर बैठे थे।तभी 7-8 मोटरसाइकिल पर 2-2 व्यक्ति सवार होकर किराना दुकान पर पहुंचे।सभी लोगों के हाथ मे राइफल व बंदूक थी।तारकेश्वर सिंह ने बाइक से उतरते ही आदेश दिया कि गोली मारो, इतने में उनके निजी अंगरक्षक ने गोली चला दी।उनके भाई शत्रुघ्न प्रसाद गोली लगते ही जमीन पर गिर गए।जिसके बाद मोटरसाइकिल पर सवार लोग उनके भाई को अगवा कर ले गए।उनके भाई का शव दो दिन बाद काफी खोजबीन करने पर मोतिहारी के डुमरिया पुल के नीचे नदी में मिला था।