भारत का संविधान देश का सर्वाेच्च विधान है - हर्षित सिंह
बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार, पटना के निर्देशानुसार बुधवार को व्यवहार न्यायालय, बक्सर परिसर में राष्ट्रीय संविधान दिवस का आयोजन गरिमामय माहौल में किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ पूर्वाह्न 10.15 बजे हुआ, जिसमें मुख्य रूप से प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश हर्षित सिंह ने उपस्थित न्यायिक अधिकारियों, बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं, पैनल अधिवक्ताओं, पैरा लीगल वॉलंटियर्स, न्यायालय कर्मियों एवं आम नागरिकों को भारतीय संविधान की प्रस्तावना का सामूहिक पाठ कराया।
-- आज न्यायालय परिसर में मनाया गया 76वां संविधान दिवस
-- व्यवहार न्यायालय, बक्सर में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने कराया प्रस्तावना का सामूहिक पाठ
केटी न्यूज/बक्सर
बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार, पटना के निर्देशानुसार बुधवार को व्यवहार न्यायालय, बक्सर परिसर में राष्ट्रीय संविधान दिवस का आयोजन गरिमामय माहौल में किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ पूर्वाह्न 10.15 बजे हुआ, जिसमें मुख्य रूप से प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश हर्षित सिंह ने उपस्थित न्यायिक अधिकारियों, बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं, पैनल अधिवक्ताओं, पैरा लीगल वॉलंटियर्स, न्यायालय कर्मियों एवं आम नागरिकों को भारतीय संविधान की प्रस्तावना का सामूहिक पाठ कराया।

मुख्य अतिथि पद से संबोधित करते हुए प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश हर्षित सिंह ने कहा कि भारत का संविधान देश का सर्वाेच्च विधान है, जो शासन की रूपरेखा, सरकारी तंत्र के अधिकार-कर्तव्यों और नागरिकों के मूल अधिकारों का संरक्षण करता है। उन्होंने कहा कि संविधान 26 नवंबर 1949 को पारित किया गया था और 26 जनवरी 1950 से प्रभावी हुआ। 26 नवंबर को संविधान दिवस और 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में देशभर में मनाया जाता है।
इस अवसर पर अवर न्यायाधीश सह प्रभारी सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकार महेश्वर नाथ पांडे ने संविधान की विविध विशेषताओं पर विस्तृत प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि किसी भी संस्था या राष्ट्र की सुचारू व्यवस्था के संचालन हेतु बनाए गए नियम ही उसका संविधान कहलाते हैं। भारत विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान रखता है, जिसमें वर्तमान में 25 भाग, 12 अनुसूचियां और लगभग 470 अनुच्छेद शामिल हैं। संविधान लागू होने के समय इसमें 22 भाग, 8 अनुसूचियां और 395 अनुच्छेद थे, जिनमें समय-समय पर 106 संशोधन किए जा चुके हैं।
उन्होंने बताया कि भारतीय संविधान की मूल हस्तलिखित प्रति 251 पृष्ठों की है, जिसका वजन लगभग 3.75 किलोग्राम है और इसे प्रेम बिहारी नारायण रायजादा द्वारा सुंदर कैलिग्राफी में लिखा गया था। संसद में संरक्षित मूल प्रति का वजन करीब 13 किलोग्राम है। संविधान निर्माण में कुल 2 वर्ष 11 महीने 18 दिनों का समय लगा और संविधान सभा, जिसे ड्राफ्टिंग कमेटी भी कहा जाता है, का गठन 6 दिसंबर 1946 को हुआ था। इसके प्रमुख सदस्य डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, डॉ. भीमराव अम्बेडकर, जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभभाई पटेल, श्यामा प्रसाद मुखर्जी, मौलाना अबुल कलाम आजाद सहित विभिन्न समुदायों व राज्यों से प्रतिनिधि शामिल थे।
कार्यक्रम में व्यवहार न्यायालय, बक्सर के कुटुंब न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश मनोज कुमार प्रथम, जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश मनीष शुक्ला, सुदेश कुमार श्रीवास्तव, अमित कुमार शर्मा, मानस कुमार वत्सल, अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी महेश्वर नाथ पांडे, न्यायिक दंडाधिकारी गौरव कुमार सिंह, चंदन कुमार सहित अन्य न्यायिक पदाधिकारी उपस्थित रहे।

इस अवसर पर वरीय कर्मचारी राजीव कुमार श्रीवास्तव, संजय कुमार, कुंदेन्दु कुमार दुबे, संतोष कुमार द्विवेदी, धनंजय कुमार, नीरज, अमरेंद्र भारती, दीपक गुप्ता, कहकंशा परवीन, आशीष रंजन, किरण कुमारी, शैलेश ओझा, नीरज कुमार, अमर नाथ चौधरी, अशोक कुमार, सुनील कुमार, दीपेश श्रीवास्तव, सुमित कुमार सहित अनेक कर्मचारीगण एवं आम नागरिक भी मौजूद रहे।राष्ट्रीय संविधान दिवस के इस कार्यक्रम ने समस्त प्रतिभागियों में संविधान के प्रति जागरूकता और संवैधानिक मूल्यों के प्रति सम्मान की भावना को और अधिक सुदृढ़ किया।
