चौसा में लारा कोर्ट के जज ने कैंप लगा किसानों को दिलवाया मुआवजा
केटी न्यूज/बक्सर
रविवार को चौसा में लारा कोर्ट के जज शिवानंद मिश्र के नेतृत्व में कैंप लगा निर्माणधीन 1320 मेगावाट बक्सर विद्युत संयत्र परियोजना में रेल कॉरिडोर व वाटर पाइप लाइन में अधिग्रहित की जाने वाली भूमि के मुआवजे के भुगतान किया गया। इस दौरान दो किसानों को कैंप में ही मुआवजा राशि का भुगतान कर दिया गया। जबकि शेष किसानों के कागजात जमा कराए गए। शीघ्र ही उनका भुगतान भी कर दिया जाएगा। मिली जानकारी के अनुसार भू-अर्जन पुनर्वासन व व्यवस्थापन प्राधिकार(लारा)
कोर्ट द्वारा प्रखंड मुख्यालय परिसर में कैम्प लगाया गया था। जिसमें दो किसानों के दस्तावेज ठीक होने पर हाथों-हाथ मुआवजे की राशि का चेक दिया गया। जबकि 35 किसानों ने भुगतान के लिए आवेदन डाले। इस दौरान किसानों की भीड़ लगी रही। बता दे कि प्लांट निर्माण के तहत कच्चे माल ले जाने व पानी आपूर्ति किये जाने को लेकर बनने वाले रेल कॉरिडोर व वाटर पाइप लाइन के लिए भूमि अधिग्रहित का मामला भू-अर्जन पुनर्वासन व व्यवस्थापन प्राधिकार(लारा) कोर्ट में लंबे समय से चल रहा था। इधर किसानों के धरना प्रदर्शन के कारण बार बार निर्माण कार्य प्रभावित हो रहा था। कई किसान ऐसे थे जो कोर्ट जाने में सक्षम नहीं था। जिसे देखते हुए शनिवार को खुद कोर्ट के न्यायाधीश चौसा पहुंचे व स्थल निरीक्षण किए। साथ ही जायजा के दौरान किसानों को कैम्प में भाग लेने का कहा। वही
कैम्प लगाए जाने को प्रशासन द्वारा प्रचार- प्रसार भी किया गया। कैम्प में बहुत सारे सैकड़ों की संख्या में किसान पहुंचे थे। जिला भू-अर्जन पदाधिकारी रंजीत कुमार ने बताया कि इस कैम्प में आपत्ति के साथ कुल 37 आवेदन पड़े। जिसमें दो लोगों चौसा के लक्ष्मण पांडेय व बेचनपुरवा के रामनिवास सिंह का दस्तावेज पूरी तरह ठीक रहने पर न्यायाधीश ने हाथों-हाथ चेक वितरण किया। साथ ही कैम्प स्थल पर ही खाते में राशि की प्राप्ति भी कराई गई। जबकि 10 लाभुकों के नए खाते खुलवाए गए। वही 25 किसानों के दस्तावेज में कुछ कमी होने से कैम्प भुगतान नहीं सका मगर, दो से तीन दिनों के अंदर इनके भी भुगतान किए जाने की बताई गई। वही बताया गया कि इस कैम्प में किसानों की सुविधा के सारे इंतजाम कराये गए थे। जहा अधिवक्ता पैनल, बैंक टीम, राजस्व के पदाधिकारी व कर्मी के अलावा
अन्य कई विभागीय कर्मी मौजूद कराये गए थे। जबकि चौसा व बहादुरपुर समेत कई आन्य मौजे के इच्छुक किसान वापस लौटना पड़ा। क्योंकि उनका नाम रजिस्टर में दर्ज नहीं था। कोर्ट ने रजिस्टर में सुधार कर किसानों को भुगतान करने का निर्देश दिया। वही धरना दे रहे किसानों ने आवेदन जमा नहीं किया। उनका कहना था कि जबतक उन्हें करेंट रेट से मुआवजा का भुगतान नहीं होगा, वे आवेदन नहीं देंगे। मौके पर लारा कोर्ट से अधिकारी अरविंद कुमार सिंह व कर्मी के अलावे एसटीपीएल के अधिकारी व कर्मी के साथ जिला प्रशासन के पदाधिकारी व पुलिसकर्मी मौजूद थे।