डॉ. याज्ञवल्क्य शुक्ल बने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री
केटी न्यूज/पटना
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद पटना के पूर्णकालिक कार्यकर्ता डॉ. याज्ञवल्क्य शुक्ल को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का राष्ट्रीय महामंत्री बनाया गया है। वे मूलतः झारखंड प्रांत के गढ़वा जिला के रहने वाले हैं तथा उनका केन्द्र पटना है। डा. शुक्ल 1989 के बाद बिहार व झारखंड से अभाविप के राष्ट्रीय महामंत्री बनने वाले पहले कार्यकर्ता है। उनकी शिक्षा पीएचडी तक हुई है।
पढ़ाई में भी डा. शुक्ल औव्वल आने वाले छात्र रहे है। वे भूगोल स्नातकोत्तर में गोल्ड मेडलिस्ट रहे हैं। वे 2003 से अभाविप के संपर्क में हैं, 2009 में पूर्णकालिक कार्यकर्ता बने थे। 2007 में एसएस जेसएन महाविद्यालय के निर्वाचित छात्र संघ अध्यक्ष एवं रांची विश्व विद्यालय के निर्वाचित छात्र संघ उपाध्यक्ष रहे हैं। इसके पहले वे रांची महानगर संगठन मंत्री, गुमला जिला संगठन मंत्री, कोल्हान विश्व विद्यालय संगठन मंत्री, रांची विश्व विद्यालय व कोल्हान विश्व विद्यालय संगठन मंत्री, राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद सदस्य, केंद्रीय कार्यसमिति सदस्य, झारखंड प्रांत के
प्रांत संगठन मंत्री तथा बिहार क्षेत्र के क्षेत्रीय सह संगठन मंत्री रह चुके है। वर्ष 2018 में भारत सरकार द्वारा आयोजित यूथ एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत श्रीलंका यात्रा का इन्होंने प्रतिनिधित्व किया था। झारखंड के जनजातीय युवाओं को भ्रमित करने वाले षड्यंत्रों को परास्त कर डा. शुक्ल ने जुटान जैसे विभिन्न सफल प्रयोगों से जनजातीय विद्यार्थियों को राष्ट्र प्रेम का पाठ पढ़ा काफी चर्चित हुए थे। हैदराबाद में आयोजित 4जी आसियान यूथ सम्मिट 2023 का भी प्रतिनिधित्व किये। राजस्थान सरकार के द्वारा पुलवामा में वीर गति को प्राप्त सैनिकों के परिवार के ऊपर अत्याचार के विरोध में इन्होंने विद्यार्थी परिषद के झंडा तले जोरदार आवाज उठाई और जयपुर में एक बड़े आंदोलन का नेतृत्व किया था।
जिसमें इनको जेल भी जाना पड़ा साथ ही राजस्थान में बहन बेटियों की सुरक्षा, पेपर लीक और भ्रष्टाचार के विरोध न्याय पद यात्रा का भी नेतृत्व किया है। तेलंगाना में पेपर लीक स्कैम के ऊपर राज्यस्तरीय आंदोलन का नेतृत्व कर छात्रों को न्याय दिलाने का भरसक प्रयास किये थे। वही पश्चिम बंगाल के जाधवापुर विश्व विद्यालय में एसएफआई के गुंडों द्वारा छात्र स्वपन दीप के हत्यारों को फांसी की सजा दिलाने के लिए आपने जोरदार आंदोलन का नेतृत्व किया जिसके परिणाम स्वरूप 36 घंटे जेल में भी गुजारना पड़ा। उन्हें विद्यार्थी परिषद का राष्ट्रीय महामंत्री बनाए जाने से बिहार विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं में हर्ष की लहर दौड़ गई है। कार्यकर्ताओं ने कहा कि उनके नेतृत्व में विद्यार्थी परिषद और मजबूत होगा।