जाम से कराह रहा मुख्य सड़क, वाहनों को छोड़ पैदल गुजरते है लोग
- बाइपास के आभाव में पूरे दिन ध्वस्त हो जाती है डुमरांव की ट्रैफिक व्यवस्था
केटी न्यूज/डुमरांव
डुमरांव की ट्रैफिक व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो गयी है। पूरे दिन सड़को पर महाजाम का नजारा लगा रहता है। जाम से सड़के कराहती है और लोग वाहनों को छोड़ पैदल गुजरकर अपने गंतव्य स्थान पर पहुंचते है। खासकर रात में नो एंट्री टूटते ही सड़क के दोनों किनारे ट्रकों के आवाजाही का जो सिलसिला शुरू होता है वह पूरी रात जारी रहता है। बक्सर-पटना फोरलेन सड़क के निर्माण के
बाद अब बक्सर गोलंबर से बलिया व गाजीपुर को जोड़ने वाला नया पुल भी शुरू हो गया है, जिस कारण बालू लदे ट्रकों की आवाजाही पूरे रात हो रही है। एक अनुमान के मुताबिक हर दिन हजारों ट्रक इस सड़क से गुजरते है। नगर परिषद प्रशासन द्वारा करीब एक दशक पूर्व दिन में नो एंट्री लागू कर ट्रक तथा अन्य भारी वाहनों के शहर में प्रवेश पर रोक लगाया था।
यह सिलसिला आज भी जारी है, जिस कारण ट्रक चालक रात में ही शहर की सीमा में प्रवेश करते है, जिस वजह से रात में शहर की मुख्य सड़क स्टेशन रोड से दूसरे वाहनों का गुजरना मुश्किल हो जाता है। यह समस्या तब और गंभीर हो जाती है जब रात आठ बजे के बाद थोड़ी देर के लिए भी यदि पश्चिमी रेलवे क्रासिंग बंद हुई तो पुराना भोजपुर से टेढ़की पुल तक सड़क के दोनों तरफ ट्रकों की कतार लग जाती है। इस दौरान स्थानीय लोगों को जरूरी काम के लिए यदि स्टेशन जाना पड़ता है तो
उन्हें महज कुछ किलोमीटर की दूरी तय करने के लिए घंटो मशक्कत करना पड़ता है। रात में ट्रकों के आवाजाही से स्टेशन रोड में आंधी की तरह धूल उड़ता है, जिससे वाहन चालकों के साथ ही सड़क किनारे घर बनाकर रहने वालों को भी अपना दरवाजा व खिड़की बंद करना पड़ता है। रात में धूल उड़ने से वाहन चालकों के दुर्घटनाग्रस्त होने का खतरा भी बना रहता है। वहीं ट्रकों की शोर से लोगों को ध्वनि प्रदूषण का दंश भी झेलना पड़ता है।
डुमरांव में बाइपास सड़क का है अभाव
डुमरांव शहर से वाहनों को फोरलेन से ही अन्य जगहों पर जाने के लिए कोई बाइपास या दूसरा विकल्प नही है, जिस कारण मालवाहक वाहनें बीच शहर से होकर गुजरती है। बतादें कि शहर के बीच से होकर गुजरने वाली एनएच 120 सड़क भी बहुत पुरानी है। इस बीच वाहनों क संख्या हजारों गुना बढ़ गयी है। शहर की आबादी भी तेजी से बढ़ी है। वाहनों के भारी दबाव के कारण ही स्टेशन रोड में हर समय जाम की समस्या बनी रहती है। इस समस्या का स्थायी समाधान बाइपास सड़क निर्माण को बताया जाता है लेकिन वर्षों से इसका निर्माण सरकारी फाइलों में धूल फांक रहा है। पिछले साल महरौरा के पास से बाइपास निर्माण की कवायदें शुरू हुई थी लेकिन विभागीय उदासीनता से अभी तक इसका गजट भी प्रकाशित नहीं हो सका है। लिहाजा निकट भविष्य में इस समस्या का समाधान होते भी दिखाई नहीं पड़ रहा है।
पांच किलोमीटर तक खड़ी रहती है ट्रकें
डुमरांव शहर में 12 घंटें बड़े वाहनों के प्रवेश पर पाबंदी लगने के बाद राष्ट्रीय राजमार्ग 120 सड़क पर दुर्घटना का काला बादल मंडराने लगा है। कारण कि ट्रेनिंग स्कूल से लेकर कोपवां तक एक तरफ ट्रकों का लंबा काफिला लगा रहता है, जिस वजह से यह मुख्य सड़क वन वे बन जाती है। इन बालू लदे ट्रकों के गुजरने से इस सड़क पर कई जगह सड़क टूट कर जर्जर बन गयी है। मुख्य सड़क से गुजरने वाले वाहनों को आने-जाने में काफी परेशानी होती है और कई जगहों पर दुर्घटना होने की संभावना बनी रहती है। वाहन चालक सड़क पर रेंगते हुए सावधानी से अपने वाहनों को लेकर गुजरते है। शहर के समाजसेवियों की मानें तो केवल दिखावे के लिए ट्रैफिक पुलिस की व्यवस्था की गयी है जबकि प्रशासन को इस व्यवस्था से निपटने के लिए तीन या चार जगहों पर ट्रैफिक पुलिस की सुविधा देनी चाहिए।