इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स के ज्यादा इस्तेमाल से बढ़ रही है यह परेशानी

डिजिटल वर्ल्ड में हर किसी के हाथ में स्मार्टफोन से लेकर तमाम इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स देखे जा सकते हैं। बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक स्क्रीन के दीवाने हो रहे हैं।

इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स के ज्यादा इस्तेमाल  से बढ़ रही है यह परेशानी
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केटी न्यूज़/दिल्ली

डिजिटल वर्ल्ड में हर किसी के हाथ में स्मार्टफोन से लेकर तमाम इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स देखे जा सकते हैं। बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक स्क्रीन के दीवाने हो रहे हैं।इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स का ज्यादा इस्तेमाल कम उम्र के लोगों के लिए नुकसानदायक साबित हो रहा है।हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो 20 से 55 साल की उम्र के लोग गैजेट्स ज्यादा यूज करने की वजह से पीठ दर्द, गर्दन का दर्द और रीढ़ की हड्डी में परेशानी की चपेट में आ रहे हैं. गैजेट्स के ओवरयूज से पीठ और रीढ़ की हड्डी की समस्याएं पिछले कुछ सालों में तेजी से बढ़ी हैं।

डॉक्टर ने बताया कि स्क्रीन के सामने बहुत अधिक समय बिताने से गर्दन में अकड़न, कंधे के ब्लेड में दर्द, शरीर में दर्द या सिरदर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं। यात्रा करते समय मोबाइल फोन का उपयोग करना या काम करते समय घंटों तक लैपटॉप का उपयोग करना, गलत तरीके से बैठना या लंबे समय तक एक ही स्थिति में बैठे रहना पीठ दर्द का कारण बन सकता है। जब हम गर्दन झुकाकर लंबे समय तक स्क्रीन देखते हैं तो इससे गर्दन, पीठ और रीढ़ की हड्डी पर दबाव पड़ता है।सामान्य खड़े रहने की पोजीशन में गर्दन और पीठ सीधी रहती है,लेकिन गर्दन झुकाकर रखने से रीढ़ की हड्डी पर तनाव पड़ता है।

अत्यधिक गैजेट्स का उपयोग करने से 20 से 45 साल की उम्र के लोगों में पीठ और रीढ़ की हड्डी की समस्याओं में 60 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। जितना ज्यादा लोग इन गैजेट्स के आदी होते जा रहे हैं। उतना ही रीढ़ की हड्डी पर बुरा असर पड़ रहा है।इस समस्या को नजरअंदाज करने पर गर्दन में दर्द, कंधे में अकड़न, सिरदर्द और शारीरिक गतिविधि में कमी जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।रोजाना हॉस्पिटल आने वाले 10-12 मरीजों में करीब 4-5 पेशेंट गैजेट के अत्यधिक उपयोग के कारण गर्दन और पीठ दर्द से परेशान होते हैं।