बेहोश यात्री को टीटीई ने सीआरपी कर बचाई जान,सीआरपी के बाद बुजुर्ग को आया होश

दरभंगा से लोकमान्य तिलक जा रही पवन एक्सप्रेस 11062 में एक काबिले तारीफ़ मामला सामने आया।ट्रेन के A-1 कोच में एक यात्री अपने भाई के साथ सफर कर रहे थे।

बेहोश यात्री को टीटीई ने सीआरपी कर बचाई जान,सीआरपी के बाद बुजुर्ग को आया होश
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केटी न्यूज़/दरभंगा 

दरभंगा से लोकमान्य तिलक जा रही पवन एक्सप्रेस 11062 में एक काबिले तारीफ़ मामला सामने आया।ट्रेन के A-1 कोच में एक यात्री अपने भाई के साथ सफर कर रहे थे।तभी अचानक उन्हें हार्ट अटैक आ गया।उनके भाई ने तुरंत रेलवे के हेल्प लाइन नंबर पर मदद मांगी।मामला सोमवार देर रात का है। 

भाई को हार्ट अटैक आने के बाद उनके भाई काफी घबरा गए थे। जिसके बाद उन्होंने रेल हल्प लाइन से संपर्क किया। सोनपुर कॉमर्शियल कंट्रोल से कोच के टीटीई को जानकारी दी गई।कोच के टीटीई सविंद कुमार ट्रेन में पहुंचे। मरीज के भाई ने अपने फैमिली डॉक्टर से टीटीई की बात करवाई। डॉक्टर ने पहले नब्ज चेक करने को कहा। उनकी सांस चल रही थी। इसके बाद डॉक्टर ने टीटीई को सीआरपी देने को कहा। डॉक्टर वीडियो कॉल पर टीटीई को गाइड करते गए और वो चलती ट्रेन में सीआरपी देते रहे।

सोनपुर-छपरा रेलखंड के बीच बेहोश यात्री को टीटीई ने करीब 15 मिनट तक सीआरपी दिया। जिसके बाद बुजुर्ग को होश आ गया।डॉक्टर की सलाह के अनुसार टीटीई ने बुजुर्ग यात्री की जान बचा ली।रेलवे स्टेशन पर डॉक्टर की टीम मौजूद थी। तुरंत बुजुर्ग को अस्पताल भेजा गया।मरीज की हालत अब ठीक बताई जा रही है।मंडल रेल प्रबंधक विवेक भूषण सूद और सीनियर डीसीएम रौशन कुमार ने टीटीई सविंद कुमार को सम्मानित करने की बात कही है।

क्या होता है सीपीआर

हार्ट अटैक आने के बाद पांच मिनट के अंदर सीपीआर शुरू कर देना चाहिए। सीपीआर के जरिए हम ऑक्सिजिनेटेड ब्लड यानी कि ऑक्सीजन ले जाने वाला रक्त को ब्रेन की सेल्स तक पहुंचाते रहते हैं।इससे ब्रेन सेल्स डेड नहीं होते। साथ ही हम हार्ट को वापस अपनी स्थिति में चलने के लिए स्टिमुलेट करते हैं। इससे हार्ट की पल्स जो काम करना छोड़ चुकी होती है, वापस स्टार्ट हो सकती है।