नीतीश की jdu को मिले कौन कौन से मंत्रालय, कौन संभाल रहा अन्य मंत्रालय का जिम्मा, जानिए
JDU के कोटे से राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह और रामनाथ ठाकुर को मंत्री बनाया गया है। ललन सिंह को पंचायती राज, मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई है। वहीं, रामनाथ ठाकुर को कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री की जिम्मेदारी मिली है।
केटी न्यूज़, ऑनलाइन डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार, 10 जून को अपनी नई मंत्रिपरिषद में विभागों का बंटवारा कर दिया है। इस बार भाजपा की निर्भरता राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के सहयोगी दलों पर बढ़ गई है क्योंकि पार्टी को अपने दम पर बहुमत नहीं मिला है। इस संदर्भ में चर्चा हो रही है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड (JDU) के कोटे से केंद्र में बने मंत्री कौन से मंत्रालय संभालेंगे।
JDU के कोटे से राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह और रामनाथ ठाकुर को मंत्री बनाया गया है। ललन सिंह को पंचायती राज, मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई है। वहीं, रामनाथ ठाकुर को कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री की जिम्मेदारी मिली है। पिछली सरकार में पंचायती राज मंत्री का पद गिरिराज सिंह के पास था और कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री का कार्यभार शोभा कारान्दलाजे और कैलाश चौधरी संभाल रहे थे।
प्रधानमंत्री मोदी ने NDA में शामिल अन्य दलों के मंत्रियों को भी महत्वपूर्ण विभाग सौंपे हैं। जेडीएस के नेता एचडी कुमारस्वामी को भारी उद्योग और इस्पात मंत्रालय की जिम्मेदारी मिली है। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान को खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री बनाया गया है। वहीं, टीडीपी नेता राम मोहन नायडू को नागर विमानन मंत्रालय सौंपा गया है।
मोदी सरकार के नए मंत्रिपरिषद में कुछ प्रमुख मंत्रियों की जिम्मेदारियों को बरकरार रखा गया है। राजनाथ सिंह को रक्षा मंत्री, अमित शाह को गृह मंत्री, निर्मला सीतारमण को वित्त मंत्री और एस जयशंकर को विदेश मंत्री के पद पर बरकरार रखा गया है। ये चारों मंत्री पहले भी यही मंत्रालय संभाल रहे थे।
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को कृषि और किसान कल्याण एवं ग्रामीण विकास विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई है। जेपी नड्डा को स्वास्थ्य के साथ ही रसायन व उर्वरक विभाग दिया गया है। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को ऊर्जा विभाग सौंपा गया है। नितिन गडकरी को सड़क परिवहन मंत्री और धर्मेंद्र प्रधान को शिक्षा मंत्री पद पर बरकरार रखा गया है। इसके अलावा किरेन रीजीजू को संसदीय कार्य मंत्रालय दिया गया है।
ज्योतिरादित्य सिंधिया के मंत्रालय में भी बदलाव किया गया है। उन्हें संचार मंत्री बनाया गया है, जबकि पिछली सरकार में वे नागर विमानन मंत्री थे। अश्विनी वैष्णव को सूचना और प्रसारण मंत्री के साथ ही रेल मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है।
इस प्रकार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी नई मंत्रिपरिषद में अनुभवी और नए चेहरों को मिलाकर एक संतुलित टीम बनाई है। उन्होंने अपने सहयोगी दलों को भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां देकर उनकी भूमिका को भी महत्वपूर्ण बना दिया है। अब देखना यह है कि यह नई टीम किस तरह से अपने मंत्रालयों का कार्यभार संभालती है और देश के विकास में किस तरह योगदान देती है।
मंत्रालयों के इस बंटवारे से यह साफ हो गया है कि मोदी सरकार अपने तीसरे कार्यकाल में भी विकास की राह पर तेजी से आगे बढ़ने के लिए प्रतिबद्ध है और वह अपने सहयोगी दलों के साथ मिलकर देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का प्रयास करेगी।