दो महीने की मेहनत से शिल्पकारों ने तैयार की मां सरस्वती की आकर्षक मूर्तियां

दो महीने की मेहनत से शिल्पकारों ने तैयार की मां सरस्वती की आकर्षक मूर्तियां

- सरस्वती पूजा नजदीक आते ही बढ़ी मूर्तिकारों की कवायदें

केटी न्यूज/केसठ

सरस्वती पूजा को लेकर प्रखंड क्षेत्र में तैयारी आखिरी चरण में है। पूजा को लेकर मूर्तिकार मां सरस्वती के विभिन्न रूपों को अंतिम रूप देने में जोर-शोर से जुटे हुए हैं। कारीगर और मूर्तिकारों ने बताया कि मूर्ति बनाने के लिए वह पिछले दो महीने से डेरा डाले हुए हैं और दिन-रात एक कर मूर्तियों को तैयार करने में लगे हैं। प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी मूर्तियों की मांग में बढ़ोतरी की उम्मीद थी, लेकिन इस बार परिस्थिति विपरित है।

मांग में वृद्धि की बजाय कमी आयी है। प्रखंड क्षेत्र में सरस्वती पूजा को लेकर दिन प्रतिदिन उत्साह बढ़ता जा रहा। सरस्वती पूजा इस बार 14 फरवरी को है। माघ महीने के शुक्ल पक्ष के पांचवें दिन यानी पंचमी तिथि को बसंत पंचमी पर मां सरस्वती की पूजा होती है। प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न गांवों में कारीगर प्रतिमा निर्माण में जुट गए है। विभिन्न संगठन व शिक्षण संस्थान मां सरस्वती की पूजा की तैयारी में जुट गए है। बाजारों में दुकानों पर भी मां सरस्वती की छोटी आकर्षक मूर्ति, हंस पर सवार, वीणावादिनी समेत अन्य रूपों में एलईडी लाइट व अन्य सामान से सुसज्जित मूर्ति मिल रही हैं। कैलेंडर की दुकानों पर भी मां सरस्वती के आकर्षक कैलेंडर दिखाई दे रहे हैं। हवा के साथ धूप निकलते ही मूर्तिकार प्रतिमा निर्माण के लिए दिन-रात युद्ध स्तर पर जुटे हैं।

आकर्षक और दिव्य मूर्तियां बनकर तैयार

पुराना बाजार में  मां सरस्वती की कुल 100 से अधिक मनमोहक और दिव्य मूर्तियां बनकर तैयार हैं।दो मूर्तिकारों ने 60 दिनों से दिन-रात एक कर सभी मूर्तियां तैयार की है। पुराना बाजार के मूर्तिकार ललन पंडित और अरुण पंडित ने बताया कि 3 फीट से लेकर 9 फीट तक मां सरस्वती की कई आकर्षक मूर्तियां तैयार की गई है।अब तक 60 से अधिक मूर्तियां बिक चुकी हैं। उम्मीद है बाकी मूर्तियां भी  बिक जाएंगी। वहीं मूर्तियों के मूल्यों की बात करें तो बाजार में एक हजार से लेकर दस हजार तक की मूर्ति उपलब्ध है।

मूर्तिकारों ने साझा की अपनी पीड़ा

मूर्ति निर्माण में आई कठिनाइयों के बारे में कलाकारों ने अपनी व्यथा साझा की। उन्होंने बताया कि महंगाई की वजह से इस बार निर्माण में 25 प्रतिशत की आधिक लागत आई है। मां सरस्वती के श्रृंगार सामग्री जैसे साड़ी, कपड़ा, मुकुट और आभूणण का खर्च पिछले वर्ष की तुलना में 25 प्रतिशत बढ़ गया है। वहीं मिट्टी ढ़ुलाई की लागत भी पहले की तुलना में अधिक बढ़ गयी है।

शिल्पकारों को सरकार से मदद की उम्मीद

मूर्तिकार अरुण पंडित ने बताया कि सरकार अगर शिल्पकारों को मूर्ति बनाने के लिए जगह मुहैया कराने के साथ आर्थिक सहायता और प्रोत्साहन राशि जैसी मदद करे तो हम अपने साथ दो-चार और लोगों को जोड़ें सकते है। इससे लोगों को रोजगार तो मिलेगा ही, इससे हमारा काम-काज बढ़ेगा और इस शिल्प कला को बढ़ावा मिलेगा।

नन्हे बच्चों में दिख रहा है उत्साह

इस बार वसंत पंचमी को ले युवकों के साथ साथ छोटे छोटे नन्हे मुन्ने बच्चो में भी काफी उत्साह दिख रहा है।बच्चे काफी उत्साह के साथ इस बार मूर्ति खरीदारी से लेकर पूजा पंडाल निर्माण में भाग ले रहे है।