अच्छी पहल, डुमरांव नगर परिषद ने सरस्वती प्रतिमा विसर्जन के लिए खुदवाए कृत्रिम तालाब
- शांति समिति की बैठक में लिया गया था निर्णय, भोजपुर राजवाहा के किनारे बनाया गया है कृत्रिम तालाब
- मूर्ति विसर्जित नहीं होने से छठिया पोखरा को मिलेगी प्रदूषण से मुक्ति
केटी न्यूज/डुमरांव
डुमरांव के चर्चित छठिया पोखरा सहित अन्य प्राचीन व स्थायी तालाबों में अब मां सरस्वती के प्रतिमाओं का विसर्जन नहीं होगा, बल्कि मूर्तियों के विसर्जन के लिए डुमरांव नगर परिषद ने अस्थायी तालाब खुदवा दिए है। यह अस्थायी तालाब साफाखाना रोड में भोजपुर राजवाहा के किनारे खुदवाया गया है।
जहां सरस्वती पूजा संपन्न होने के बाद मूर्तियों का विसर्जन किया जाएगा। बता दें कि रविवार को ही डुमरांव थाने में आयोजित शांति समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया था कि सरस्वती पूजा के प्रतिमाओं का विसर्जन इस बार छठिया पोखरा या अन्य तालाबों में नहीं किया जाएगा। बल्कि इसके लिए अस्थायी तालाब बनाए जाएंगे और उसके अगले दिन ही चेयरमैन प्रतिनिधि सुमित गुप्ता के नेतृत्व में नगर परिषद की टीम ने अस्थायी तालाब का निर्माण करा दिया। जिससे लोगों में नगर परिषद प्रशासन के प्रति विश्वास बढ़ा है।
प्रतिमाओं का विसर्जन नहीं होने से बचेगा तालाबों का अस्तित्व
बता दें कि मूर्तियों के रंग रोगन में कई तरह के खतरनाक केमिकलयुक्त रंगों का प्रयोग किया जाता है, जो पानी में मिल उसे प्रदूषित करते है। वही इससे पानी में रहने वाली मछलियों तथा अन्य जलीय जीवों को नुकसान पहुंच सकता है। इसके अलावे अब प्लास्टर ऑफ पेरिस की मूर्तियां भी बनने लगी है
जो आसानी से नहीं गलती है। जिस कारण तालाबों का प्रदूषण स्तर काफी बढ़ जाता है। यही कारण है कि पिछले कुछ वर्षों में पहले गंगा नदी में मूर्तियों के विसर्जन पर रोक लगी। वही अब डुमरांव के छठिया पोखरा समेत अन्य तालाबों में मूर्ति विसर्जन पर रोक लगी है।
शहर के चहुमुंखी विकास का किया जा रहा है प्रयास - सुमित
इस संबंध में जानकारी देते हुए चेयरमैन प्रतिनिधि सह सामाजिक कार्यकर्ता सुमित गुप्ता ने कहा कि शहर का चहुमुंखी विकास करना है हमारा लक्ष्य है। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए बोर्ड के गठन के साथ ही काम शुरू कर दिया गया है। सुमित ने बताया कि तालाबों का अस्तित्व बचाने, जल जीवन योजना को धरातल पर उतारने के साथ ही डुमरांव नगर परिषद क्षेत्र को राज्य का सबसे स्वच्छ व सुंदर शहर बनाने का प्रयास जारी है।
वही लोगों को बंदरों के आतंक से मुक्ति दिलवाया जा रहा है। शहर के अधिकांश बंदरों को पकड़वा उन्हें सुरक्षित रोहतास के पहाड़ी जंगलों में छोड़ा गया है। सुमित ने पूजा समितियों को सरस्वती पूजा की बधाई देने के साथ ही उन्हें नगर परिषद व स्थानीय प्रशासन का सहयोग करने तथा मूर्तियों को अस्थायी तालाब में विसर्जित करने की अपील की।