जातीय गणना पर बारी संघ ने जताया विरोध
केटी न्यूज/केसठ
बिहार में जातीय गणना की घोषणा के बाद लगातार विरोध जारी है। कायस्थ, कोईरी, कुशवाहा के जातीय गणना के विरोध करने के बाद अब बारी संघ ने भी विरोध जताया है। बिहार राज्य बारी संघ के प्रदेश महामंत्री अजय कुमार विक्रांत, उपाध्यक्ष लाल बाबू प्रसाद, अरविंद प्रिंस ने संयुक्त रूप से कहा कि बिहार में जातीय गणना का कार्य सही तरीके से किया गया है। लेकिन बिहार सरकार ने जातीय गणना का रिपोर्ट 2 अक्टूबर को रिपोर्ट आम सार्वजनिक किया है। वह एक राजनीतिक समीकरण मात्र के लिए है।
वास्तविकता को छिपाकर कुछ विशेष जाति को अधिकतम दिखाया गया है। उन्होंने बताया कि काका कालेलकर पिछड़ा वर्ग आयोग के रिपोर्ट में बारी संघ की संख्या 1 लाख 64 हजार 510 बताया है। जबकि जातीय गणना में बिहार सरकार ने बारी जाति को गणना में मात्र 61 हजार तीन संख्या बताया है। जो कतई उचित नहीं है। इसको लेकर बारी संघ में आक्रोश व्याप्त है। उन्होंने बताया कि इसकी शिकायत बिहार के राज्यपाल एवं गृह मंत्रालय को भेजा जाएगा। बिहार राज्य बारी संघ के सदस्य राकेश कुमार, आनंद मोहन, राजेंद्र प्रसाद, विजय कुमार ने विरोध जताया है।