हाईकोर्ट के निर्देश पर आज अतिक्रमणमुक्त होगा सिकरौल का सार्वजनिक पोखरा

सिकरौल गांव का सार्वजनिक पोखरा अब अवैध कब्जे के बोझ से मुक्त होने जा रहा है। पटना उच्च न्यायालय के सख्त निर्देशों के बाद प्रशासन ने अतिक्रमण के खिलाफ निर्णायक रुख अपनाते हुए वर्षों से जमे अवैध कब्जे को हटाने की कार्रवाई तेज कर दी है। पोखरे की भूमि पर झोपड़ी और ईंट से बने कच्चे मकानों में रह रहे 26 परिवारों को नोटिस जारी कर अंतिम चेतावनी दे दी गई है, जिससे पूरे इलाके में खलबली मच गई है।

हाईकोर्ट के निर्देश पर आज अतिक्रमणमुक्त होगा सिकरौल का सार्वजनिक पोखरा

--हाईकोर्ट के निर्देश के बाद हरकत में आया अमला, 26 परिवारों को नोटिस

केटी न्यूज/चौसा

सिकरौल गांव का सार्वजनिक पोखरा अब अवैध कब्जे के बोझ से मुक्त होने जा रहा है। पटना उच्च न्यायालय के सख्त निर्देशों के बाद प्रशासन ने अतिक्रमण के खिलाफ निर्णायक रुख अपनाते हुए वर्षों से जमे अवैध कब्जे को हटाने की कार्रवाई तेज कर दी है। पोखरे की भूमि पर झोपड़ी और ईंट से बने कच्चे मकानों में रह रहे 26 परिवारों को नोटिस जारी कर अंतिम चेतावनी दे दी गई है, जिससे पूरे इलाके में खलबली मच गई है।

अंचल प्रशासन के अनुसार सिकरौल पोखरा सरकारी अभिलेखों में सार्वजनिक जलस्रोत के रूप में दर्ज है। इसके बावजूद लंबे समय से इस पर निजी कब्जा किया गया था, जिससे न केवल जलस्रोत का अस्तित्व खतरे में था बल्कि पर्यावरणीय संतुलन भी प्रभावित हो रहा था। न्यायालय के आदेश को गंभीरता से लेते हुए प्रशासन ने अतिक्रमणकारियों को स्वेच्छा से जमीन खाली करने का अवसर दिया है।

-- मंगलवार को होगी निर्णायक कार्रवाई

निर्धारित समयसीमा समाप्त होते ही मंगलवार को दंडाधिकारी के नेतृत्व में अंचलाधिकारी और पुलिस बल की संयुक्त टीम मौके पर पहुंचेगी। प्रशासन ने साफ कर दिया है कि यदि स्वेच्छा से भूमि खाली नहीं की गई तो कानून के तहत बल प्रयोग कर अतिक्रमण हटाया जाएगा। इस दौरान शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पर्याप्त पुलिस बल की तैनाती की जाएगी।

-- मानवीय पहलू पर भी नजर

प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि कार्रवाई केवल सख्ती तक सीमित नहीं रहेगी। जांच में जो परिवार वास्तविक रूप से भूमिहीन पाए जाएंगे, उनके पुनर्वास के लिए वैकल्पिक व्यवस्था पर विचार किया जाएगा। हालांकि, अवैध कब्जे को किसी भी सूरत में संरक्षण नहीं दिया जाएगा।

-- पोखरे के पुनर्जीवन की तैयारी

अतिक्रमण हटने के बाद प्रशासन सिकरौल पोखरे के कायाकल्प की योजना पर भी काम कर रहा है। जलस्रोत की सफाई, गहरीकरण, सौंदर्यीकरण और संरक्षण के लिए प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है, ताकि भविष्य में दोबारा कब्जा न हो और गांव को उसका प्राकृतिक जलस्रोत वापस मिल सके।इस पूरी कार्रवाई को प्रशासनिक सख्ती के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है, जो अन्य अतिक्रमणकारियों के लिए भी स्पष्ट संदेश है कि सार्वजनिक संपत्ति पर कब्जा अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।