स्टेशन पर युवती से 750 अवैध कारतूस बरामद, गिरफ्तार
बलिया। बुधवार को बलिया रेलवे स्टेशन पर जीआरपी (Government Railway Police) ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए एक युवती को गिरफ्तार किया, जिसके पास से 750 जिंदा अवैध कारतूस बरामद किए गए।
केटी न्यूज़/ बलिया
बलिया। बुधवार को बलिया रेलवे स्टेशन पर जीआरपी (Government Railway Police) ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए एक युवती को गिरफ्तार किया, जिसके पास से 750 जिंदा अवैध कारतूस बरामद किए गए। यह घटना प्लेटफार्म नंबर 2 पर हुई, जब वाराणसी से छपरा जाने वाली पैसेंजर ट्रेन (05446) के पूर्वी छोर पर एक ट्रॉली बैग में छिपाकर रखे गए ये कारतूस पकड़े गए। पुलिस को मुखबिर से इस बात की सूचना मिली थी, जिसके आधार पर जीआरपी ने त्वरित कार्रवाई की।
मामले की शुरुआत तब हुई जब जीआरपी ने ट्रेन में सघन चेकिंग अभियान शुरू किया। प्लेटफार्म पर खड़ी ट्रेन की दूसरी बोगी के केबिन में एक नवयुवती बैठी थी, जिसकी सीट के नीचे एक मैरून रंग का ट्रॉली बैग रखा हुआ था। पुलिस ने जब इस बैग की तलाशी ली, तो उसमें से 315 बोर के 750 जिंदा अवैध कारतूस बरामद हुए। पूछताछ में युवती ने अपना नाम मनीता सिंह, पुत्री जवाहिर सिंह, निवासी नदिहार, थाना राजगढ़, जिला मिर्जापुर बताया।
युवती से पूछताछ के दौरान यह खुलासा हुआ कि उसे ये कारतूस अंकित कुमार पांडेय और रोशन यादव नामक दो व्यक्तियों ने सौंपे थे, और वह इन्हें छपरा रेलवे स्टेशन के बाहर पहुंचाने जा रही थी। इसके बाद पुलिस ने युवती को गिरफ्तार कर लिया और उसके खिलाफ शस्त्र अधिनियम की धारा 3/25 और भारतीय दंड संहिता की धारा 111(3) के तहत मामला दर्ज किया।
जीआरपी की टीम ने इस बड़ी बरामदगी और गिरफ्तारी के बाद दोनों वांछित अभियुक्तों, अंकित कुमार पांडेय और रोशन यादव, की तलाश शुरू कर दी है। अंकित कुमार पांडेय गाजीपुर के बाराचवर गांव का निवासी है, जबकि रोशन यादव नसीरपुर कटरिया, थाना करीमुद्दीनपुर, जनपद गाजीपुर का रहने वाला है। पुलिस ने उनके खिलाफ भी संबंधित धाराओं में मामला दर्ज किया है और उनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है।
गिरफ्तारी करने वाली पुलिस टीम में जीआरपी थानाध्यक्ष, हेड कांस्टेबल माधवेश राय, सतीश कुमार उपाध्याय, इम्तियाज अली, विमल चंद, अरविंद मौर्य और महिला आरक्षी सोमी शुक्ला शामिल थे। इस पूरे ऑपरेशन के पीछे जीआरपी के पुलिस अधीक्षक, गोरखपुर के निर्देश थे, जिसके तहत बुधवार को ट्रेन में चेकिंग अभियान चलाया गया।
यह मामला पुलिस के लिए बड़ी सफलता माना जा रहा है, क्योंकि इतनी बड़ी संख्या में जिंदा कारतूस का बरामद होना संकेत है कि कहीं न कहीं यह मामला एक संगठित आपराधिक गिरोह से जुड़ा हो सकता है। पुलिस अब मामले की गहराई से जांच कर रही है और यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आखिर इन अवैध कारतूसों का क्या उद्देश्य था और इसे किस स्थान पर और किस तरह इस्तेमाल किया जाना था। युवती को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।