लापरवाह डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई जारी, डीएम ने 31 को किया शो-कॉज
ज्यों-ज्यों दवा दी, मर्ज बढ़ता गया... यह कहावत जिले के सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों पर सटीक बैठक रही है। जिला प्रशासन डॉक्टरों की लापरवाही व लेटलतीफी छुड़ाने के लिए कई हथकंडे अपना चुका है
- बार बार की चेतावनी के बाद भी नहीं सुधर रही है सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों की कार्यसंस्कृति
- पिछले सप्ताह 18 डॉक्टरों से पूछा गया था स्पष्टीकरण
केटी न्यूज/बक्सर
ज्यों-ज्यों दवा दी, मर्ज बढ़ता गया... यह कहावत जिले के सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों पर सटीक बैठक रही है। जिला प्रशासन डॉक्टरों की लापरवाही व लेटलतीफी छुड़ाने के लिए कई हथकंडे अपना चुका है। खुद डीएम अंशुल अग्रवाल अपने स्तर से सदर अस्पताल व डुमरांव अनुमंडलीय अस्पताल की मॉनिटरिंग कर रहे है।
डॉक्टरों के बिना सूचना गायब रहने की संस्कृति को छुड़ाने के लिए ही स्वास्थ्य विभाग तथा जिला प्रशासन द्वारा डॉक्टरों समेत स्वास्थ्य कर्मियों के लिए बायोमेट्रिक हाजिरी को अनिवार्य कर दिया गया है। डीएम लापरवाह डॉक्टरों पर लगातार कार्रवाई भी कर रहे है, लेकिन डॉक्टरों के लेटलतीफी व लापरवाही में कमी नहीं आई है। शुक्रवार को भी डीएम ने सदर अस्पताल व डुमरांव अनुमंडलीय अस्पताल के 31 डॉक्टरों से स्पटीकरण पूछा है।
इनमें सदर अस्पताल के 19 तथा डुमरांव अनुमंडलीय अस्पताल के 12 डॉक्टर शामिल है।इन पर समय से ड्यूटि नहीं करने तथा ड्यूटि से वापस लौटने के दौरान बायोमेट्रिक नहीं लगाने का आरोप है। जाहिर है डॉक्टर अस्पताल आने के बाद भी समय से पहले गायब हो जा रहे है।
गौरतलब है कि इसके पहले भी कई बार डीएम लापरवाह डॉक्टरों से शो-कॉज कर चुके है। वही डुमरांव अनुमंडलीय अस्पताल के डीएस डॉ. गिरीश सिंह पर प्रपत्र क गठित करने की चेतावनी भी दे चुके है।