अधिवक्ताओं ने फूंका प्रदेश सरकार का पुतला

अधिवक्ताओं ने फूंका प्रदेश सरकार का पुतला

अधिवक्ताओं ने फूंका प्रदेश सरकार का पुतला 

पूरे दिन न्यायिक कार्य से विरत रहे अधिवक्तागण 

केटी न्यूज/ बलिया।

हापुड़ जिले के न्यायालय परिसर में बीते दिनों 29 अगस्त को पुलिस द्वारा अधिवक्ताओं के ऊपर बर्बरतापूर्वक लाठी चार्ज करने के विरोध में विगत कई दिनों से जिले के अधिवक्ता आंदोलनरत है। इसी कड़ी में गुरुवार को भी डीएम कार्यालय के समक्ष वकीलों ने प्रदेश सरकार का पुतला दहन कर अपने गुस्से का इजहार किया। बार  काउंसिल के आह्वान पर गुरुवार क्रिमिनल व सिविल बार के वकीलों ने क्रिमिनल बार के सभागार में बैठक कर सरकार के उदासीनता पर जमकर भड़ास निकाला। इस दौरान वकीलों ने कलेक्ट्रेट परिसर में जोरदार प्रदर्शन किया. बार काउंसिल के आह्वान पर 13 व 14 सितम्बर 2023 को अधिवक्ता न्यायिक कार्य से विरत रहने

का निर्णय लिया था। इसी क्रम में गुरुवार को जिला मुख्यालय के वकीलों ने प्रदेश सरकार के खिलाफ अपने आक्रोश का प्रदर्शन किया. बता दें कई उप्र बार काउंसिल दो दिनों के हड़ताल के आह्वान पर गुरुवार को क्रिमिनल एंड रेवेन्यू बार , सिविल बार, कलेक्ट्रेट बार के वकीलों ने  प्रदेश सरकार के उदासीन रवैया पर नाराजगी जतायी। इस मौके पर कहा कि उप्र बार काउंसिल के आह्वान पर हम अधिवक्ता योगी सरकार के गलत नीतियों का विरोध करते रहेंगे। इस मौके पर क्रिमिनल बार के अध्यक्ष देवेंद्र नाथ मिश्र ने कहा कि योगी सरकार के अफसर तानाशाही करने में लगे हुए हैं। ऐसे भ्रष्ट अफसरों पर समय रहते नकेल नहीं कसा गया तो प्रदेश सरकार को अधिवक्ता समाज माफ नहीं करेगा। उन्होंने ने कहा कि दूसरों को न्याय दिलाने वाले अधिवक्ताओं का प्रदेश भर में उत्पीड़न हो रहा है।

वकीलों ने मांग किया कि हापुड़ के अधिवक्ताओं के खिलाफ दर्ज मुकदमें वापस लिए जाय। इस प्रकरण में डीएम व एसपी सहित दोषी पुलिस अफसरों व पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाय। वकीलों ने कहा कि अधिवक्ताओं के विरुद्ध पुलिस ने मनगढ़त झूठे मुकदमा दर्ज था, उसे तत्काल स्पंज किया जाय। इस मौके पर सिविल बार के अध्यक्ष देवेंद्र कुमार दुबे, क्रिमिनल बार के वरिष्ठ उपाध्यक्ष शिवकुमार तिवारी, महासचिव अनिल कुमार मिश्र, कुबेर नाथ पाण्डेय, कोषाध्यक्ष प्रदीप कुमार गुप्ता, अभिषेक मिश्र, पंकज गुप्ता, विवेकानंद पाण्डेय, अखिलेश सिंह, अनिल सिंह,  शंकर राम फौजदार, त्रिदेव तिवारी, अवध नारायण सिंह, बृजेश सिंह, योगेश्वर यादव आदि अधिवक्ता मौजूद रहे।