बीमारी से स्वस्थ्य होने के बाद भगवान जगन्नाथ अब लगायेंगे नानखटाई का भोग
जुलाई 7 को जगन्नाथ रथ यात्रा की शुरुआत होगी।नाथों के नाथ भगवान जगन्नाथ इन दिनों बीमार हैं।
केटी न्यूज़/वाराणसी
जुलाई 7 को जगन्नाथ रथ यात्रा की शुरुआत होगी।नाथों के नाथ भगवान जगन्नाथ इन दिनों बीमार हैं।बीमारी से स्वस्थ्य होने के बाद भगवान जगन्नाथ रथ पर सवार होकर नगर भ्रमण पर निकलेंगे।श्वेत परिधान में भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र के साथ भक्तों के बीच बैठ उन्हें दर्शन देते हैं।इसे देशभर में रथयात्रा के नाम से जाना जाता है।भोले की नगरी काशी में इस रथयात्रा मेले को लक्खा मेले के नाम से जाना जाता है।
इस रथयात्रा में भक्त और भगवान के बीच एक अनूठी परम्परा भी है।भक्त भगवान जगन्नाथ को तुलसी और फूल के साथ नानखटाई का भोग भी लगाते हैं। वाराणसी में कुल 45 तरह की नान खटाई तैयार होती है।इन दुकानों पर ढ़ेरों वैरायटी की नानखटाई तैयार होती है। इनकी कीमत 80 रुपये से 1500 रुपये तक होती है।सूजी और मैदा की डालडा घी से बनी नानखटाई 160 रुपये किलो, गरी की 170, काजू-मैदा, देशी घी की 500, मेवे की 500 व बेसन की 180 रुपये किलो है। मेवा नानखटाई, काजू पिस्ता नानखटाई, नारियल नानखटाई, सूजी नानखटाई, चॉकलेट नानखटाई सहित ढ़ेरो वैरायटी की खासी डिमांड होती है।इन सभी नान खटाई का भोग भक्त 7 जुलाई से तीन दिनों तक अपने आराध्य भगवान जगन्नाथ को लगाएंगे।इसके लिए रथयात्रा में एक दो नहीं, बल्कि नानखटाई की दो दर्जन से अधिक दुकान लगती हैं।