आनंद मोहन रिहाई मामला: सुप्रीम कोर्ट ने नीतीश सरकार को दिया ओरिजनल रिकॉर्ड जमा करने के लिए लास्ट चांस
केटी न्यूज/ दिल्ली/पटना
शुक्रवार को बिहार के बाहुबली आनंद मोहन की रिहाई के खिलाफ दायर याचिका की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में हुई। जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को लास्ट चांस दिया है। वहीं सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से नोटिस का जवाब देने के लिए वक्त मांगा है। जस्टिस जेएस पारदीवाला और जस्टिस सूर्यकांत की बेंच इस मामले की सुनवाई हुई। जिसमें कोर्ट ने कहा कि इसके बाद कोई समय नहीं दिया जाएगा। आईएएस जी कृष्ण भैया हत्याकांड में उनकी पत्नी उमा देवी ने बिहार सरकार द्वारा आनंद मोहन को समय से पहले जेल से रिहा करने के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। जिसकी सुनवाई आठ मई को 8 मई को जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जेके माहेश्वरी ने पहली सुनवाई की थी। उस दिन कोर्ट ने बिहार सरकार और आनंद मोहन दोनों को नोटिस जारी किया था। साथ ही दो हफ्ते में इस मामले की सुनवाई करने की बात कही थी। जी कृष्णैया की पत्नी उमा ने कहा कि मैं सोचती हूं कि बिहार सरकार ने सर्वाेच्च न्यायालय से रिक्वेस्ट की होगी जवाब देने के लिए। मुझे सुप्रीम कोर्ट के ऊपर पूरा भरोसा है कि मुझे न्याय मिलेगा। उन्होंने कहा कि ये सिर्फ जी कृष्णैया के परिवार की लड़ाई नहीं है। ये पूरे देश के आईएएस ऑफिसर से रिलेटेड प्रोब्लेम है। इससे कृष्णैया के परिवार को कोई फायदा या नुकसान नहीं होगा। हमने बहुत वर्षों पहले जो खोना था वो खो दिया।