'स्विगी ऐप' को ग्राहक के साथ मनमानी करना पड़ा भारी,103 रुपए के बदले अब चुकाना है चार गुना ज्यादा पैसे
ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया।
केटी न्यूज़/दिल्ली
ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया।स्विगी ने सुरेश बाबू नाम के एक ग्राहक से खाना डिलीवर करने के लिए 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज वसूला था।
सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।
कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है। कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।कोर्ट ने स्विगी को रंगा रेड्डी जिला आयोग के उपभोक्ता कल्याण कोष में दंडात्मक हर्जाने के रूप में 25,000 रुपए जमा करने होंगे। कोर्ट ने स्विगी को आदेश का पालन करने के लिए 45 दिनों का समय दिया है।शिकायत कर्ता की सुनवाई पर अब स्विगी को करीब 344 गुना पैसा देना होगा।