आक्रोश: छात्रों के जिंदगी से कर रहा है कर रहा है खिलवाड़ भोजन में एनजीओ परोस रहा मेढ़क
मीड डे मील के छोला में मिला पका हुआ मेढ़क, एनजीओ द्वारा भेजा गया था पोलाव व छोला
- बक्सर के आचार्य नरेन्द्र देव मध्य विद्यालय का है मामला
- डीईओ ने बताया गंभीर मामला, कार्रवाई का दिया आश्वासन
केटी न्यूज। बक्सर
एमडीएम योजना से शिक्षकों को हटाने तथा छात्रों को पौष्टिकतायुक्त भोजन देने के लिए एनजीओ के माध्यम से स्कूलों में भोजन परोसा जा रहा है। लेकिन एमडीएम बनाने वाले एनजीओ संचालक कितने लापरवाह है इसकी बानगी शुक्रवार को जिला प्रशासन के नाक के नीचे संचालित होने वाले आचार्य नरेन्द्र देव मध्य विद्यालय में देखने को मिली। इस विद्यालय में शुक्रवार को उस वक्त अफरा तफरी मच गई जब बच्चों के मध्याह्न भोजन के लिए परोसे जा रहे छोला में पका हुआ मेढ़क दिखाई पड़ा। उस समय तक चार बच्चों के थाली में भोजन परोसा भी जा चुका था। इसी दौरान रसोईया फुलकुमारी देवी की नजर छोला मंे पड़े उबले हुए मेढ़क पर पड़ गई। इसके बाद उसने इसकी जानकारी स्कूल के प्रधानाध्यापक तथा अन्य शिक्षकांे को दी। आनन फानन में छात्रों को खाने से रोक दिया गया। तत्काल इसकी सूचना एनजीओ वाले को देने का प्रयास किया गया। लेकिन प्रधानाध्यापक बार बार फोन करते रहे और एनजीओ वालों ने फोन उठाना भी मुनासिब नहीं समझा। इसके बाद प्रधानाध्यापक ने सारे मामले से डीईओ अनिल कुमार द्विवेदी को अवगत कराया। मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल डीईओ उक्त विद्यालय में पहुंचे तथा छोला में मेढ़क पड़ा देख इसे काफी गंभीर मामला बताया। उन्होंने कहा कि इसकी जांच करवाई जाएगी तथा दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इधर मेढ़क देखने के बाद से रसोईया फुलकुमारी की तबीयत भी खराब हो गई है। उसे उल्टियां होने लगी थी। विद्यालय प्रबंधन द्वारा तत्काल उसका इलाज करवाया गया।
कई अन्य स्कूलों में गया होगा खाद्यान्न
इस घटना के बाद कई सवाल खड़े हो रहे है। बता दें कि जिस एनजीओ से इस स्कूल में खाना आया था वहा से कई अन्य स्कूलों को भी खाना पहंुचाया गया है। ऐसे में अन्य स्कूल के छात्र भी यही छोला खाए होंगे। उनकी तबीयत खराब होने से भी इंकार नहीं किया जा सकता है। हालांकि जिले के किसी अन्य स्कूल से छात्रों की बीमार होने की सूचना अबतक नहीं मिली है। बावजूद खाना बनाने वाले एनजीओ की यह लापरवाही सैकड़ो मासूमों के लिए जानलेवा हो सकती थी। ताज्जू कि आचार्य नरेन्द्र देव मध्य विद्यालय समाहरणालय के पास ही स्थित है। जिला मुख्यालय के स्कूलों में एनजीओ संचालक की जब ऐसी गंभीर लापरवाही सामने आई तो लोगों के मन में यह सवाल उठने लगे कि ग्रामीण क्षेत्रों में क्या हश्र होता होगा।
पहले भी मिल चुकी है शिकायतें
पिछले कुछ महीनों में एनजीओ द्वारा जो भोजन स्कूलों को मुहैया कराया जा रहा है उसमें कई शिकायतें मिल चुकी है। इसके पहले डुमरांव अंचल में स्थित हथेलीपुर मठिया मध्य विद्यालय के तत्कालीन प्रधानाध्यापक व नया भोजपुर के एक विद्यालय के प्रधानाध्यापक भी एनजीओ द्वारा मानक से कम काफी कम मात्रा में भोजन देने तथा गुणवत्ता की कसौटी पर भी खरा नहीं उतरने का आरोप लगाया था। लेकिन विभागीय पदाधिकारियों की चुप्पी से एनजीओ संचालक की मानमानी जारी रही। जिसका परिणाम शुक्रवार को देखने को मिला।