सनातन संस्कृति व धर्म के रक्षक हैं ब्राह्मण - आचार्य गुप्तेश्वरजी महाराज

सनातन संस्कृति व धर्म के रक्षक हैं ब्राह्मण - आचार्य गुप्तेश्वरजी महाराज

केटी न्यूज/बक्सर

ब्राह्मण अनादि काल से ही सनातन संस्कृति व धर्म के रक्षक रहे है। उक्त बातें श्रीमद जगतगुरू रामानुजाचार्य आचार्य गुप्तेश्वर महराज जी ने शहर के सती घाट स्थित लाल बाबा आश्रम परिसर में चल रहे श्रीराम कथा के तीसरे दिन प्रवचन के दौरान कही।

उन्होंने नारद मोह प्रसंग की भाव पूर्ण व्याख्या की। उन्होंने कहा कि साधना से सिद्धि मिलती है और सिद्धि से प्रसिद्धि। लेकिन साधु को प्रसिद्धि से विचलित नहीं होना चाहिए। क्योंकि प्रसिद्धि से पतन होता है। उन्होंने कहा कि काम विजय की प्रसिद्धि से देवर्षि का अहंकार सिर चढ़ गया, लिहाजा उन्हें पतन से बचाने के लिए नारायण को मोहिनी लीला करना पड़ा। कथा के माध्यम से उन्होंने बताया

कि कैसे रजो गुण और सतो गुण से भी ऊपर उठना पड़ता है तभी नारायण की कृपा होती है। कथा को विस्तार देते हुए जगदगुरु ने कहा कि सनातन तभी है, जब धार्मिक साहित्य और संस्कृत है। इसे ब्राह्मणों ने बचाकर रखा है। मौके पर भोजपुरी साहित्य मंडल के अध्यक्ष व कांग्रेस के पूर्व प्रदेश सचिव अनिल त्रिवेदी के अलावा काफी तादाद में पुरुष व महिला श्रद्धालु मौजूद थे।