टीकाकरण से वंचित बच्चों को नियमित अभियान एवं कैम्प के माध्यम से किया जा रहा है टीकाकृत
-खसरा-रूबेला को जड़ से मिटाने के अभियान में जुटी जिला स्वास्थ्य समिति
सासाराम | बच्चों में होने वाली कई प्रकार की जानलेवा बीमारियों से बचाव के लिए प्रसव पूर्व गर्भवती महिला एवं प्रसव के बाद नवजात शिशुओं को नियमित टीकाकरण के दौरान कई प्रकार के टीके दिए जाते हैं। जिसमें इंजेक्टेबल और ननइंजेक्टेबल टीका शामिल होता है, जो पूरी तरह से निःशुल्क होता है। नियमित टीकाकरण को लेकर अभी भी समाज में जागरूकता की कमी देखी जा रही है। खासकर गरीबी रेखा से नीचे रहने वालों के साथ साथ महादलित बस्ती में रहने लोगों में अभी भी जागरूकता का घोर अभाव देखा जा रहा है। हालांकि नियमित टीकाकरण को लेकर लगातार जागरूकता अभियान के साथ साथ टीकाकरण भी किया जा रहा है। खासकर खसरा और रूबेला जैसी खतरनाक बीमारी को जड़ से मिटाने के लिए केंद्र सरकार ने कमर कस ली है। दिसम्बर 2023 तक इसे जड़ से मिटाने के लिए मुहिम शुरू है। इसके तहत रोहतास जिले में खसरा रूबेला टीकाकरण से वंचित बच्चों की पहचान कर टीकाकरण भी शुरू कर दिया गया है। जिले में 2200 के आसपास वैसे बच्चे पाए गए जो प्रथम और दूसरे टीका से वंचित थे। वैसे बच्चों को नियमित टीकाकरण एवं कैम्प के माध्यम से टीकाकृत करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
लोगों के बीच सामंजस्य बना किया जा रहा टीकाकरण :
सासाराम प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के बीएचएम प्रवीण कुमार ने बताया कि सासाराम प्रखण्ड के सभी गांव में टीका से वंचित पांच साल के कम उम्र के बच्चों का सर्वे कर टीकाकरण शुरू कर दिया गया है। ग्रामीण क्षेत्रों के महादलित बस्ती के साथ साथ शहरी क्षेत्रों में गरीब तबके के लोगों में टीकाकरण को लेकर अज्ञानता देखने को मिल रही है। इसके पीछे उन्होंने कई कारण भी बताए। उन्होंने बताया कि वैसे लोगों के साथ सामजंस्य बना कर उन्हें टीकाकरण के महत्त्व को बता कर बच्चों को टीकाकरण के लिए तैयार किया जा रहा है। साथ ही साथ स्वास्थ्य क्षेत्र में सरकार द्वारा चलाये जा रहे कार्यक्रमों की जानकारी दी जा रही है।
मानसिक रूप से लोगों को करना होगा तैयार :
सासाराम सदर अस्पताल के मनोचिकित्सक डॉ विप्लव कुमार ने बताया कि टीकाकरण को लेकर शुरू से ही लोगों में एक नकारात्मक सोच बनी हुई है, जिसे इतनी आसानी से खत्म नहीं किया जा सकता है। ऐसे लोगों के बीच अधिक से अधिक जागरूकता कैंप लगाने की आवश्यकता है। क्योंकि नकारात्मक सोच को जागरूकता के माध्यम से ही दूर किया जा सकता है।, उन्होंने बताया कि पहले जहां सरकारी स्वास्थ्य सुविधा को लेकर लोगों में नकारात्मक सोच बनी हुई थी, वह अब पूरी तरह से बदलती हुई दिखाई दे रही है। इसमें जागरूकता का अहम योगदान रहा है। वैसे ही टीकाकरण को लेकर लोगों में बैठे भ्रम को दूर करने के के साथ-साथ टीकाकरण के महत्व को जागरूकता के माध्यम से बढ़ावा मिल सकता है। उन्होंने बताया कि वैसे जगह पर महज एक बार कैंप लगाकर लोगों को जानकारी देने से कोई फायदा नहीं होगा बल्कि प्रत्येक महीने कैंप लगाने से काफी सकारात्मक परिणाम देखे जा सकते हैं।