बच्चों के शरीर पर अचानक आये दाग को न करें नजरअंदाज
बच्चों के साथ साथ बड़ों के शरीर पर अचानक किसी प्रकार का दाग उभर आये और उक्त दाग में सुन्नपन न हो। इसके अलावा हाथ या पैर में सुन्नपन एवं झीनझीनी जैसा हो रहा हो तो एक बार कुष्ठ की जांच जरूर करवाएं।
-बच्चों में बढ़ते कुष्ठ रोग को लेकर परिजनों को किया जा रहा जागरूक
-जिले में लगभग 335 कुष्ठ के मरीज में 21 बच्चों में कुष्ठ रोग
केटी न्यूज/सासाराम : टीबी और फाइलेरिया के साथ-साथ कुष्ठ बीमारी को जड़ से मिटाने के लिए सरकार लगातार प्रयासरत है। इसके लिए समय समय पर अभियान भी चलाया जा रहे हैं। अभियान के माध्यम से रोहतास जिले में कुष्ठ मरीजों की तलाश करके उनका इलाज किया जा रहा है। वहीं जिले में बच्चों में बढ़ रहे कुष्ठ रोग को देखते हुए जिला कुष्ठ उन्मूलन केंद्र इस प्रसार की रोक थाम में लगा हुआ है। कुष्ठ उन्मुलन केंद्र में प्रतिदिन मरीज पहुँच रहे हैं। वहीं जिला कुष्ठ उन्मूलन केंद्र बच्चों में हो रही कुष्ठ बीमारी को ले कर भी जागरूक कर रहा है। ताकि शुरुआती दौर में ही इसे रोका जा सके। विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिले में कुल 335 के आसपास कुष्ठ पीड़ित मरीज हैं। जिनमें 19 बच्चे कुष्ठ से पीड़ित हैं। इनका इलाज सासाराम सदर अस्पताल में जारी है।
शुरुआती दौर में पहचान जरूरी :
जिला कुष्ठ उन्मुलन केंद्र के सहायक चिकित्सक जयप्रकाश राजभर ने बताया कि अगर कुष्ठ रोग की शुरुआती दौर में पहचान कर इलाज नहीं कराया गया, तो यह रोग विकलांगता का रूप ले लेता है। इसलिए शुरुआती दौर में इसकी पहचान होना जरूरी है। उन्होंने बताया कि बच्चों के साथ साथ बड़ों के शरीर पर अचानक किसी प्रकार का दाग उभर आये और उक्त दाग में सुन्नपन न हो। इसके अलावा हाथ या पैर में सुन्नपन एवं झीनझीनी जैसा हो रहा हो तो एक बार कुष्ठ की जांच जरूर करवाएं। उन्होंने बताया कि कुष्ठ को लेकर जांच एवं इलाज सभी निःशुल्क होता है। सहायक चिकित्सक ने बताया कि बच्चो बढ़ते कुष्ठ बीमारी को देखते हुए लोगों को लागतार जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पांच वर्ष की उम्र के बाद बच्चों में कुष्ठ बीमारी होने का ज्यादा संभावना रहता है क्यों कि उसके पहले बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता अधिक होता है। इसलिए लोगों की सलाह दी जाती है की बच्चों के शरीर पर अचानक कोई दाग दिखाई दे तो इसका जांच जरूर करवाएं।
कुष्ठ उन्मूलन को लेकर जिला स्वास्थ्य समिति प्रयासरत :
जिला कुष्ठ नियंत्रण केंद्र के प्रभारी सह एसीएमओ डॉ अशोक कुमार ने बताया कि जिले से कुष्ठ बीमारी को मिटाने के लिए जिला स्वास्थ्य समिति लगातार प्रयासरत है। उन्होंने बताया कि कुष्ठ भी एक लाइलाज बीमारी है। इसलिए लक्षण दिखाई देने पर जांच जरूर करवाएं। उन्होंने बताया कि सरकारी अस्पताल में कुष्ठ का इलाज, दवाइयां एवं किट मुफ्त उपलब्ध मुहैया करायी जाती है।