"भोजपुर में उप मुखिया दीपक कुमार साह को गोली मारने की साजिश: तीन शूटर गिरफ्तार"

15 सितंबर को भोजपुर जिले में उप मुखिया दीपक कुमार साह को गोली मारी गई थी, जिसके बाद पुलिस ने इस मामले में तीन शूटरों को गिरफ्तार किया है।

"भोजपुर में उप मुखिया दीपक कुमार साह को गोली मारने की साजिश: तीन शूटर गिरफ्तार"

केटी न्यूज़/भोजपुर 

15 सितंबर को भोजपुर जिले में उप मुखिया दीपक कुमार साह को गोली मारी गई थी, जिसके बाद पुलिस ने इस मामले में तीन शूटरों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार शूटरों के पास से एक देसी कट्टा, दो जिंदा कारतूस, एक मोबाइल फोन और घटना में इस्तेमाल की गई मोटरसाइकिल बरामद की गई है।

पुलिस अधीक्षक ने की जानकारी साझा

पुलिस अधीक्षक राज ने बताया कि दीपक साह को गोली अवैध संबंधों के चलते मारी गई थी। जानकारी के अनुसार, दीपक साह का अवैध संबंध गांव के मुन्ना यादव की पत्नी के साथ चल रहा था। मुन्ना यादव, जो सऊदी अरब में काम करता है, को इस संबंध की भनक लग गई थी। उसने दीपक को अपनी पत्नी से दूर रहने की सलाह दी थी, लेकिन दीपक ने उसकी बातों को नजरअंदाज कर दिया और दोनों के बीच संबंध जारी रहे।

सऊदी अरब से रची गई हत्या की साजिश

सऊदी अरब में रहते हुए मुन्ना यादव ने दीपक की हत्या की साजिश रची। उसने दो बदमाशों—पप्पू कुमार और सुनील कुमार—को डेढ़ लाख रुपये की सुपारी दी। इस राशि में से 20 हजार रुपये का एडवांस और हत्या के बाद 70 हजार रुपये का भुगतान फोन-पे के माध्यम से किया गया। मुन्ना ने इन बदमाशों को समझाया कि उन्हें 30 हजार रुपये मिलेंगे, जबकि बाकी की राशि सोनू कुमार के पास है।

मामला दर्ज होने के बाद पुलिस की कार्रवाई

दीपक साह को गोली लगने के बाद उन्होंने संदेश थाना में मामला दर्ज कराया। इस घटना के बाद, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी परिचय कुमार के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन किया गया। पुलिस ने तेजी से कार्रवाई करते हुए सभी आवश्यक तकनीकी और सशस्त्र बलों के साथ इस मामले की जांच की। फिलहाल, दीपक साह का इलाज जारी है, क्योंकि उन्हें कमर में गोली लगी थी।

विशेष टीम ने की गिरफ्तारी

विशेष टीम ने पप्पू, सोनू और सतीश को सहार थाना क्षेत्र के बागीपुल से गिरफ्तार किया। पप्पू की निशानदेही पर उसके घर से घटना में इस्तेमाल किया गया देसी कट्टा और दो जिंदा कारतूस बरामद किए गए।

एसपी राज ने जानकारी दी कि गिरफ्तार किए गए शूटर पप्पू और सतीश कुमार का आपराधिक इतिहास भी जांचा जा रहा है। ये दोनों पूर्व में रोहतास जिले के बिक्रमगंज और पिरो थाना क्षेत्रों में लूट के मामलों में जेल भेजे जा चुके हैं। पुलिस अब उनकी गतिविधियों की विस्तृत जांच कर रही है, ताकि इस घटना के पीछे के सभी तथ्यों का खुलासा किया जा सके। इस घटना ने स्थानीय समुदाय में हलचल पैदा कर दी है और पुलिस की कार्रवाई की सराहना की जा रही है। लोगों ने उम्मीद जताई है कि न्याय जल्द ही मिलेगा और ऐसी घटनाओं पर रोक लगाई जाएगी।