"सारण जिला प्रशासन द्वारा तीन बच्चों का दत्तक ग्रहण, दंपत्तियों के चेहरों पर खुशी"

जीवन की आपाधापी के बीच बच्चे की आकांक्षा रखने वाले दंपत्तियों के लिए बुधवार का दिन खुशियों से भरा रहा। सारण जिला प्रशासन ने तीन बच्चों को दत्तक ग्रहण की प्रक्रिया पूरी कर उन्हें उनके नए माता-पिता के सुपुर्द कर दिया।

"सारण जिला प्रशासन द्वारा तीन बच्चों का दत्तक ग्रहण, दंपत्तियों के चेहरों पर खुशी"

केटी न्यूज़ / छपरा

जीवन की आपाधापी के बीच बच्चे की आकांक्षा रखने वाले दंपत्तियों के लिए बुधवार का दिन खुशियों से भरा रहा। सारण जिला प्रशासन ने तीन बच्चों को दत्तक ग्रहण की प्रक्रिया पूरी कर उन्हें उनके नए माता-पिता के सुपुर्द कर दिया। जिलाधिकारी अमन समीर ने अपने कार्यालय कक्ष में यह कार्यवाही पूरी की, जिसमें दो बालिकाओं और एक बालक को उनके दत्तक ग्रहण माता-पिता को सौंपा गया।

दत्तक ग्रहण की प्रक्रिया पूरी होते ही दंपत्ति जोड़ों के चेहरे खुशी से खिल उठे और उन्होंने भावुक होकर जिला प्रशासन का आभार व्यक्त किया। इन दंपत्तियों ने बच्चों को गोद लेने के लिए कारा के वेब पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन किया था, और सभी प्रक्रिया पूरी होने के बाद उनके फाइनल एडॉप्शन की कार्यवाही जिलाधिकारी द्वारा संपन्न की गई।

यह प्रक्रिया समाज कल्याण विभाग के अंतर्गत संचालित जिला बाल संरक्षण इकाई द्वारा चलाई जा रही विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान, सारण के माध्यम से की जाती है। इस संस्थान में बच्चों की पूरी सुरक्षा और सुविधाओं का ध्यान रखते हुए उनका पालन-पोषण किया जाता है।

इस मौके पर जिला बाल संरक्षण इकाई की प्रभारी सहायक निदेशक पूजा कुमारी, बाल संरक्षण पदाधिकारी पंकज प्रसाद, समन्वयक कहकशा रसीद, दीपांशु राज, मनीष कुमार और हिमांशु कुमार पाल सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

बच्चे गोद लेने के लिए पात्रता मानदंड

 किसी भी दंपत्ति को बच्चा गोद लेने के लिए शारीरिक और मानसिक रूप से सुदृढ़ होना चाहिए। इसके अलावा, दंपत्ति का कम से कम दो वर्षों का स्थिर वैवाहिक जीवन होना जरूरी है और दोनों की आपसी सहमति की आवश्यकता होती है। बच्चा गोद लेने के लिए केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण की वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन कराना होता है। एकल पुरुष केवल लड़का गोद ले सकते हैं, जबकि एकल महिला लड़का और लड़की दोनों को गोद ले सकती हैं। दो संतान वाले दंपत्तियों को सामान्य बालक गोद लेने का अधिकार नहीं है, वे केवल विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को ही गोद ले सकते हैं। इसके अलावा, देश में किसी अन्य माध्यम से बच्चा गोद लेना और देना कानूनी अपराध है।