कंटेनर ने ई-रिक्शा को मारी टक्कर, पति पत्नी जख्मी

बक्सर-आरा नेशनल हाई-वे पर नया भोजपुर थाना क्षेत्र के पुराना भोजपुर में सोमवार की सुबह एक कंटेनर ने ई-रिक्शा को टक्कर मार दी।

कंटेनर ने ई-रिक्शा को मारी टक्कर, पति पत्नी जख्मी

- मौके पर पहुंचे थानाध्यक्ष ने अस्पताल में कराया जख्मियों को भर्ती, बचाई जान

- नया भोजपुर से भुट्टा खरीद कर बक्सर जा रहे थे पति पत्नी

केटी न्यूज/बक्सर

बक्सर-आरा नेशनल हाई-वे पर नया भोजपुर थाना क्षेत्र के पुराना भोजपुर में सोमवार की सुबह एक कंटेनर ने ई-रिक्शा को टक्कर मार दी। जिसमें ई-रिक्शा पर सवार पति पत्नी जख्मी हो गए। हालांकि, हादसे में पति को मामूली चोटें आई, लेकिन महिला गंभीर रूप से जख्मी हो गई। हादसे के बाद घटना स्थल से लोगों ने मामले की सूचना पुलिस को दी। जिसके बाद थानाध्यक्ष मनीष कुमार दल बल के साथ पहुंचे और घायल महिला को इलाज के लिए फौरन अनुमंडल अस्पताल लेकर पहुंचे। जहां चिकित्सकों ने महिला और उसके पति का इलाज शुरू किया। जख्मी व्यक्ति जिला मुख्यालय अंतर्गत पानी टंकी मोहल्ले के निवासी अरविंद प्रसाद और उनकी पत्नी कोमल देवी बताए जा रहे हैं।

घटना के संबंध में थानाध्यक्ष मनीष कुमार ने बताया कि अरविंद बक्सर में ई रिक्शा चलाते हैं, वहीं उनकी पत्नी रामरेखा घाट के समीप स्थित एमपी हाई स्कूल के पास भुट्टा बेच कर अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं। सोमवार को अरविंद अपनी पत्नी को ई रिक्शा से लेकर नया भोजपुर मंडी आए हुए थे। जहां उन्होंने भुट्टे की खरीदारी की और उसे ई-रिक्शा पर लोड किया। जिसके बाद वो दोनों बक्सर के लिए रवाना हो गए। लेकिन फ्लाई ओवर पार करके जैसे ही वो पुराना भोजपुर पहुंचे, पीछे से एक कंटेनर ने उनकी ई-रिक्शा को टक्कर मार दी। जिससे ई-रिक्शा पलट गई। इस दुर्घटना से ई-रिक्शा क्षतिग्रस्त हो गई। वहीं, अरविंद को मामूली चोट आई, लेकिन उनकी पत्नी कोमल को सिर में चोट लगने से वो गंभीर रूप से जख्मी हो गई। जिसके बाद वहां मौजूद लोगों ने घटना की सूचना पुलिस को दी।

सूचना मिलते ही थानाध्यक्ष मनीष कुमार मौके पर पहुंचे और कंटेनर को जब्त कर थाने भेजा। वहीं, गंभीर रूप से जख्मी कोमल देवी व उनके पति अरविंद को अस्पताल लेकर गए। जहां चिकित्सकों ने उनका इलाज शुरू किया। वहीं, इस घटना के बाद पुलिस की तत्परता और सक्रियता देख स्थानीय लोगों ने काफी सराहना की। मौके पर मौजूद पप्पू राय ने बताया कि यदि थानाध्यक्ष समय पर आकर महिला को अस्पताल लेकर नहीं जाते तो शायद उसकी जान चली जाती। इस घटना में थानाध्यक्ष की तत्परता से ही महिला की जान बच सकी। वहीं, थानाध्यक्ष ने कहा कि महिला की जान बचाना उनकी ड्यूटी थी। उन्होंने लोगों से ऐसे हादसों में पीड़ितों की तत्काल मदद करने की अपील की। उन्होंने कहा कि हादसे के बाद लोग पुलिस को कॉल करते हैं, यदि उससे पहले वो अस्पताल या एंबुलेंस को कॉल करें तो पीढ़ियों को समय पर इलाज मुहैया कराया जा सकेगा। जिससे किसी की जान बच सकेगी।