असम के मुख्यमंत्री ने बक्सर में कुछ ऐसा कहा कि आनंद मिश्र पर हो गया विवाद

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने गत शनिवार को अर्जुनपुर उच्च विद्यालय के खेल मैदान में आयोजित सभा में अपने बयान से संभावनाओं को सही साबित कर दिया। उन्होंने पूर्व आईपीएस अधिकारी आनंद मिश्र के बारे में कई बातें कहीं, जो चर्चा का विषय बन गई हैं।

असम के मुख्यमंत्री ने बक्सर में कुछ ऐसा कहा कि आनंद मिश्र पर हो गया विवाद
केटी न्यूज़, ऑनलाइन डेस्क: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने गत शनिवार को अर्जुनपुर उच्च विद्यालय के खेल मैदान में आयोजित सभा में अपने बयान से संभावनाओं को सही साबित कर दिया। उन्होंने पूर्व आईपीएस अधिकारी आनंद मिश्र के बारे में कई बातें कहीं, जो चर्चा का विषय बन गई हैं।

आनंद मिश्र की स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति और वापसी

आनंद मिश्र, जो असम में ही नौकरी कर रहे थे, हाल ही में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर लौटे हैं। मुख्यमंत्री के बयान के बाद मिश्र के समर्थकों का मानना है कि वे मुख्यमंत्री के बेहद करीबी हैं। वहीं, विरोधी इसका अलग अर्थ निकाल रहे हैं।

भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में चुनावी सभा

शनिवार को असम के मुख्यमंत्री एनडीए समर्थित भाजपा उम्मीदवार मिथिलेश तिवारी के पक्ष में चुनावी सभा को संबोधित करने सिमरी प्रखंड के अर्जुनपुर (नियाजीपुर) में आए थे। इस दौरान उन्होंने मिश्र के बारे में कहा कि उन्होंने बिहार में भाजपा की सेवा करने के लिए स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति मांगी थी। 

आरोप और बयान

सरमा ने कहा कि मिश्र ने उनसे स्पष्ट रूप से कहा था कि उन्हें पार्टी से टिकट नहीं चाहिए। वे केवल भाजपा की सेवा करना चाहते हैं। मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि मिश्र अब राजद सुप्रीमो लालू यादव के फायदे के लिए काम कर रहे हैं। सरमा ने यह भी कहा कि चुनाव के बाद वे मिश्र को पुनः असम लेकर जाएंगे और उनसे कहेंगे कि वे वहीं रहें।

चुनाव लड़ने के लिए वित्तीय सवाल

सरमा ने यह सवाल भी उठाया कि मिश्र को चुनाव लड़ने के लिए पैसा कहां से मिल रहा है। उन्होंने कहा कि मिश्र को अपनी बारी का इंतजार करना चाहिए था। 

राजनीतिक मायने

मुख्यमंत्री सरमा के इन बयानों के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। समर्थकों का मानना है कि मिश्र भाजपा के लिए महत्वपूर्ण हैं, जबकि विरोधियों का कहना है कि यह सरमा की एक राजनीतिक चाल है।

समर्थकों और विरोधियों की प्रतिक्रियाएं

मिश्र के समर्थकों का कहना है कि मुख्यमंत्री सरमा का बयान स्पष्ट संकेत है कि मिश्र भाजपा के एक महत्वपूर्ण सदस्य हैं और उनका पार्टी के प्रति समर्पण सच्चा है। वहीं, विरोधियों का कहना है कि सरमा का बयान मिश्र के खिलाफ एक साजिश है और उनका असम में वापस जाने का बयान केवल एक राजनीतिक रणनीति है।

भविष्य की संभावनाएं

इस बयान के बाद यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि मिश्र का भविष्य क्या होगा। सरमा का कहना है कि चुनाव के बाद वे मिश्र को असम लेकर जाएंगे, लेकिन इस पर मिश्र की क्या प्रतिक्रिया होगी, यह देखना बाकी है।

इस प्रकार, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के बयान ने बिहार की राजनीति में हलचल मचा दी है। आनंद मिश्र के बारे में दिए गए बयानों ने उनके समर्थकों और विरोधियों के बीच एक नई बहस को जन्म दे दिया है। चुनाव के बाद क्या होता है, यह समय ही बताएगा, लेकिन फिलहाल, यह मामला चर्चा का केंद्र बना हुआ है।