कर्तव्य पथ की बलि वेदी पर चढ़ा डुमरांव का लाल, शव आते ही मचा चित्कार
- ड्यूटि के दौरान हार्ट अटैक आने से हुई मौत,
- मध्यप्रदेश के ग्वालियर में सीआरपीएफ के कमांडो पद पर था तैनात
- डुमरांव के चर्चित सामाजिक कार्यकर्ता विनोद उर्फ भोला यादव के पुत्र है राजन यादव
केटी न्यूज/डुमरांव
क्रांतिकारियों व बलिदानियों की धरती डुमरांव का एक और लाल देश सेवा के कर्तव्य पथ की बलि वेदी पर चढ़ गया है। सोमवार को शव आते ही परिजनों में कोहराम मच गया। जबकि शहरवासियों का हुजूम उसके दरवाजे पर उमड़ पड़ा था। लोग उसके अमर होने का जयकारे लगा रहे थे। कर्तव्य पथ की बलि वेदी पर चढ़ने वाले सीआरपीएफ के कमांडो राजन यादव उम्र 40 वर्ष डुमरांव के चर्चित सामाजिक कार्यकर्ता विनोद यादव उर्फ भोला यादव के पुत्र है।
वे मूलरूप से डुमरांव पश्चिमी तिवारी टोला के रहने वाले है जबकि उनका परिवार वर्तमान में गौशाला रोड में रहता है। मिली जानकारी के अनुसार वे सीआरपीएफ के 41 वी बटालियन ग्वालियर में कमांडो के पद पर पोस्टेड थे। जहां 24 दिसंबर की शाम सांस लेने में परेशानी की शिकायत पर उन्हें साथी जवान इलाज के लिए अस्पताल ले गए। जहां इलाज के दौरान ही उन्होंने
अंतिम सांसे ली। इस मनहूस खबर के मिलते ही परिवार में क्रंदन चित्कार मच गया। वही मंगलवार को उनका पार्थिव एंबुलेंस से लाया गया। साथ में उनके कंपनी के जवान भी आए थे। जहां जवानों ने उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर प्रस्तुत किया।
अजीब संयोग, जन्मदिन पर ही हुई मौत
बता दें कि मृत जवान राजन का जन्मदिन भी 24 दिसंबर को ही था और इसी दिन मौत का बलावा भी आया। सुबह से घर में उनके जन्मदिन को लेकर उत्साह था, लेकिन शाम होते ही यह खुशी मातम में बदल गई थी।
मां और पत्नी के नहीं थम रहे थे आंसू
जवान का शव आते ही सबसे खराब स्थिति उसकी मां अंजू देवी व पत्नी माया देवी का था। दोनों के आंसू थमने के नाम नहीं ले रहे थे। जवान का एक पुत्र जतीन कुमार भी है जो अभी नाबालिग है तथा डीएवी पब्लिक स्कूल का छात्र है। वही एक छोटा भाई रणजीत रेलवे में कार्यरत है तथा उसकी पोस्टिंग हैदराबाद में है। इस घटना की जानकारी होते ही रणजीत भी हैदराबाद से डुमरांव पहुंच गया है। भाई की मौत से वह पूरी तरह से टूट चुका है। जबकि पिता भोला यादव को मानो काठ मार गया हो।
मुक्तिधाम में गार्ड ऑफ ऑनर के साथ किया गया अंतिम संस्कार
मंगलवार को जवान का अंतिम संस्कार बक्सर चरित्रवन स्थित मुक्तिधाम में पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया। उसके साथ आए सीआरपीएफ 71 वी बटालियन के जवानों ने गार्ड ऑफ ऑनर पेश कर उसे अंतिम विदाई दी। इसके पहले जवान के शवयात्रा में पूरा शहर उमड़ पड़ा था। लोग उसके जयकारे लगा रहे थे तथा शव पर पुष्प वर्षा कर रहे थे।