उमराह के लिए मक्का गए आठ लोग, मोहम्मद आदिल खान ने बताया अहमियत
इस्लाम धर्म के अनुयायी अपने गुनाहों की माफी और अल्लाह की इबादत में यकीन रखते हुए उमराह के लिए मक्का शहर जाते हैं। विद्युत विभाग बिक्रमगंज में कार्यरत कार्यपालक सहायक मोहम्मद आदिल खान ने बताया कि हर धर्म में पूजा-अर्चना का अपना तरीका होता है।
केटी न्यूज़/छपरा
इस्लाम धर्म के अनुयायी अपने गुनाहों की माफी और अल्लाह की इबादत में यकीन रखते हुए उमराह के लिए मक्का शहर जाते हैं। विद्युत विभाग बिक्रमगंज में कार्यरत कार्यपालक सहायक मोहम्मद आदिल खान ने बताया कि हर धर्म में पूजा-अर्चना का अपना तरीका होता है। जैसे हिंदू धर्म में चारधाम यात्रा की जाती है, ठीक उसी तरह इस्लाम धर्म में उमराह और हज की यात्रा होती है, जो आस्था का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
मोहम्मद आदिल खान ने कहा कि उमराह करने से मन को शांति मिलती है और इस्लाम मानने वालों को सुकून मिलता है। उमराह के लिए लोग सऊदी अरब के पवित्र शहर मक्का जाते हैं, जो एक खास धार्मिक अनुभव होता है। उन्होंने बताया कि बिक्रमगंज से इस बार कुल आठ लोग उमराह के लिए मक्का गए हैं, जिनमें उनके पिता मोहम्मद अनीस खान, हाजी मोहम्मद कलीमुद्दीन, डॉ. महफूज आलम, हसनैन खान, नुसरत आलम, सईद आलम, मोहम्मद सदरुद्दीन खान और मौलाना गुलाम सरवर का नाम शामिल है।