बक्सर में फिर बढ़ा बाढ़ का खतरा, चेतावनी बिंदू को पार कर गई गंगा, विवाह मंडप डूबा
बक्सर में गंगा एक बार फिर से चेतावनी बिंदू को पार कर गई है। बुधवार की सुबह 11 बजे गंगा का जल स्तर 59.95 मीटर दर्ज किया गया। जो चेतावनी बिंदू से 63 सेमी उपर तथा जबकि खतरे के निशान से मात्र 37 सेमी नीचे है। बता दें कि खतरे का निशान 60.32 मीटर है।

-- दो सेमी प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है जल स्तर, गंगा के साथ ही सहायक कर्मनाशा व ठोरा भी उफनाई
केटी न्यूज/बक्सर
बक्सर में गंगा एक बार फिर से चेतावनी बिंदू को पार कर गई है। बुधवार की सुबह 11 बजे गंगा का जल स्तर 59.95 मीटर दर्ज किया गया। जो चेतावनी बिंदू से 63 सेमी उपर तथा जबकि खतरे के निशान से मात्र 37 सेमी नीचे है। बता दें कि खतरे का निशान 60.32 मीटर है।
राहत की बात है कि मंगलवार की अपेक्षा बुधवार को जल स्तर बढ़ने का रफ्तार काफी कम हो गया था। बुधवार को दो सेमी प्रति घंटे की रफ्तार से जल स्तर बढ़ रहा है, जबकि मंगलवार को यह रफ्तार 8 सेमी प्रति घंटा दर्ज किया गया था। जल स्तर बढ़ने से बक्सर के ऐतिहासिक रामरेखा घाट स्थित विवाह मंडप डूब गया है। इसके अलावे चौसा, सिमरी, ब्रह्मपुर आदि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के दियारा इलाके के खेतों में एक बार फिर से बाढ़ का पानी चढ़ने लगा है। जिससे फसलों को नुकसान पहुंचने की चिंता बढ़ गई है।
गंगा क साथ ही बक्सर में उसकी प्रमुख सहायक नदी कर्मनाशा तथा ठोरा में भी उफान है। जिससे चौसा प्रखंड की एक बड़ी आबादी पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि जल स्तर बढ़ने का यही रफ्तार रहा तो जल्दी ही फिर से उनके घरों में बाढ़ का पनी आ जाएगा। बता दें कि पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार बादल फटने तथा भारी बारिश हो रही है। जिस कारण गंगा में एक बार फिर से बाढ़ आ गई है।
हालांकि, जिला प्रशासन गंगा के लगातार बढ़ रहे जल स्तर पर निगरानी बनाकर रखा हैं। जिला प्रशासन का कहना है कि बाढ़ की चुनौती से निपटने का प्रयास किया जा रहा है।गौरतल हो कि इस बरसात में यह तीसरा मौका है जब गंगा चेतावनी बिंदू को पार कर गई है। वहीं, इसके पहले एक बार खतरे के निशान को पार कर गंगा दियारे क्षेत्र में तबाही मचा चुकी है। एक बार फिर से बाढ़ के संभावित खतरे को देखते हुए दियारावासियों की चिंता बढ़ गई है।
लोग अभी से ही सुरक्षित ठिकानों की तलाश करने लगे है। वहीं, किसानों को अपने फसल क चौपट होने का खतरा बढ़ गया है।