मां की गोद मयस्सर नहीं हुई तो पिता ने उठाया बीड़ा, सीने से लगाकर बोतल से पीला रहे दूध
-पत्नी ने छोड़ा साथ तो पिता ही बन गया मां
— मासूम को पेट में बांधकर कमलेश चलाता है ई-रिक्शा
बलिया। हर दुःख हर दर्द को वो हंस कर झेल जाता है, बच्चों पर मुसीबत आती है तो पिता मौत से भी खेल जाता है। वास्तव में मां के लिए तो दुनिया ने बहुत कुछ लिखा लेकिन आज हम आपको एक पिता की सच्ची कहानी से रूबरू कराएंगे, आंखें आपकी भर आएगी।
करीब छह माह पूर्व एक हादसे में पत्नी की मौत के बाद से कमलेश दुधमुंही बच्ची को सीने से बांध कर ई-रिक्शा चला कर अपने परिवार के भरण पोषण में जुटा है। इस दौरान कमलेश अपनी दिव्यांग मां की देखभाल भी पूरी तन्मयता से करता है। यह उसकी दिनचर्या में शामिल है।
ट्रेन से गिरकर हुई थी पत्नी की मौत
दोकटी थाना क्षेत्र के चिरंजी छपरा गांव निवासी कमलेश वर्मा उर्फ लकड़ी उम्र लगभग 40 साल पुत्र स्वर्गीय सुरेश वर्मा के बारे में ग्रामीण बताते हैं कि करीब छह माह पहले पत्नी की ट्रेन से गिरने से मौत हो गई थी। पत्नी के साथ छोड़ने के बाद भी कमलेश ने हिम्मत नहीं हारी करीब सवा साल की दुधमुंही बच्ची के पालन-पोषण के साथ ही घर के खर्च का जिम्मा अपने सिर पर उठा लिया। हालांकि भूमिहीन होने के कारण कमलेश के सामने विकल्प भी सीमित थे। लेकिन बुलंद हौसलों से उसने किराया पर ई-रिक्शा लेकर चलाने का निर्णय किया और अपने परिवार का भरण पोषण कर रहा है।
भाड़े का ई—रिक्शा चलाकर पालता है पेट
कमलेश की तीन शादियां हुई हैं। पहली शादी सहतवार थाना क्षेत्र में हुई थी, जिससे एक लड़का व एक लड़की है। पति-पत्नी के बीच अक्सर विवाद के कारण पत्नी बच्चे सहित दिल्ली में रह रही है। दूसरी शादी सावन छपरा में हुई थी। यह विवाह भी ज्यादा दिनों तक नहीं चला और मतांतर होने के कारण संबंध विच्छेद हो गया। तीसरी शादी रेवती से हुई थी, जो पत्नी मंदबुद्धि थी। उसने करीब सवा साल पहले एक बच्ची को जन्म दिया। बच्ची के जन्म के बाद कुछ समय तक सबकुछ ठीक रहा, लेकिन होनी ने यहां भी कमलेश का साथ नहीं छोड़ा और करीब 8 महीने पहले छपरा से इलाज कर लौटने वक्त गौतम स्थान स्टेशन के पास तीसरी पत्नी की ट्रेन से गिरने के कारण मौत हो गई। तब से कमलेश ने भाड़े का एक ई रिक्शा लेकर बच्ची को पेट पर बांधकर चला रहा है, जो आजकल सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।