यूपी के साथ बिहार के श्रद्धालुओं ने दर्शन के लिए कतारबद्ध हो मां कामाख्या की पूजा -अर्चना की

गाजीपुर। शारदीय नवरात्र के पहले दिन पूर्वांचल के प्रसिद्ध मां कामाख्या धाम पर मंगला आरती के साथ बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। यूपी और बिहार से लोग देवी के दर्शन और पूजा के लिए कतार में खड़े रहे।

यूपी के साथ बिहार के श्रद्धालुओं ने दर्शन के लिए कतारबद्ध हो मां कामाख्या की पूजा -अर्चना की

केटी न्यूज़/ गाजीपुर

गाजीपुर। शारदीय नवरात्र के पहले दिन पूर्वांचल के प्रसिद्ध मां कामाख्या धाम पर मंगला आरती के साथ बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। यूपी और बिहार से लोग देवी के दर्शन और पूजा के लिए कतार में खड़े रहे। मां कामाख्या के प्रति लोगों की गहरी आस्था है। यह क्षेत्र वैदिक काल से ऋषियों और साधकों की भूमि रहा है, जहां महर्षि जमदग्नि, परशुराम और विश्वामित्र ने तपस्या से इसे देवभूमि बनाया था। 

गहमर गांव स्थित मां कामाख्या धाम का नाम भक्तों की कामना पूरी करने वाली देवी के नाम पर है। कलिकापुराण में इसका उल्लेख मिलता है। मध्यकाल में, जब बाबर ने भारत पर आक्रमण किया, तब धामदेव राव नामक राजा और उनके कुलपुरोहित बाबा गंगेश्वर मां कामाख्या के भक्त थे। बाबर की क्रूरता के कारण उन्हें अपना राज्य छोड़ना पड़ा। मां कामाख्या ने स्वप्न में बाबा गंगेश्वर को स्थान छोड़ने का संकेत दिया, जिसके बाद वे सकराडीह की ओर प्रस्थान कर गए। 

रास्ते में जहां एक बिल्ली चूहे का पीछा कर रही थी, वहीं मां कामाख्या का विग्रह स्थापित किया गया। प्रारंभ में वहां एक छोटा मंदिर बनाया गया, जो अब एक भव्य मंदिर में बदल गया है। यह मंदिर आज एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थल बन चुका है, जहां दूर-दूर से लोग दर्शन और पूजा के लिए आते हैं।