नौकरी देने का क्रेडिट ले रहे हैं तो पुल गिरने की भी लें तेजस्वी यादव -संतोष सुमन

बिहार में गिर रहे हैं एक के बाद एक पुल गिरने का सिलसिला लगा हुआ है।11 दिनों में 5 पुल धराशायी हो चुके हैं।अब पुलों को लेकर सियासत थमने का नाम नहीं ले रही है।

नौकरी देने का क्रेडिट ले रहे हैं तो पुल गिरने की भी लें तेजस्वी यादव -संतोष सुमन
Santosh Suman

केटी न्यूज़/गया

बिहार में गिर रहे हैं एक के बाद एक पुल गिरने का सिलसिला लगा हुआ है।11 दिनों में 5 पुल धराशायी हो चुके हैं।अब पुलों को लेकर सियासत थमने का नाम नहीं ले रही है।केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने पिछले दिनों पुल गिरने की घटना के पीछे बड़ी साजिश की आशंका जताई थी।एक तरफ जहां डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव इसको लेकर सरकार पर हमला बोल रहे हैं तो दूसरी तरफ एनडीए विपक्ष को कठघरे में खड़ा कर रही है।

बिहार सरकार के मंत्री संतोष कुमार सुमन ने गया में कहा कि तेजस्वी यादव बिहार के उपमुख्यमंत्री रहे हैं। उनके कार्यकाल में भी पुल के गिरने की घटना हुई थी। हाल में जो पुल गिरे हैं, उसका डीपीआर भी उन्हीं के कार्यकाल में तैयार हुआ और काम शुरू किया गया।केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी के मंत्री बेटे संतोश सुमन ने भी तेजस्वी यादव पर निशाना साधा है।उन्होंने कहा है कि तेजस्वी यादव के पथ निर्माण मंत्री रहते ही इन पुलों को डीपीआर तैयार हुआ था।वह जिस तरह से नौकरी का क्रेडिट ले रहे हैं। उसी तरह से पुल गिरने का भी क्रेडिट लें। ऐसे में हम उन्हें नसीहत देना चाहते हैं कि जब वह नौकरी बांटने का क्रेडिट जबरन लेने में जुटे हैं,तो पुल के गिरने का भी डिस्क्रेडिट भी उन्हें लेना चाहिए।नौकरी देने का काम मुख्यमंत्री का होता है,बावजूद इसके वह क्रेडिट लेने में जुटे हैं, ऐसे में पुल के गिरने का भी क्रेडिट लेना चाहिए।

सुमन ने कहा कि वह भोली-भाली जनता को गुमराह करने में जुटे हैं। वहीं तेजस्वी यादव द्वारा अपराध को लेकर सरकार पर हमला बोलने के सवाल पर मंत्री ने कहा कि जंगल राज के नायक जब इस तरह की बात करते हैं तो बड़ा हास्यास्पद लगता है। उनकी सरकार और उनकी पार्टी खुद लंबे समय तक जंगल राज की जन्मदाता रही है। जिससे बिहार पूरी तरह से त्रस्त रहा है। वर्तमान में अपराध को कौन बढ़ावा दे रहा है, यह सब को पता है। वहीं बिहार को विशेष राज्य का दर्जा की मांग से जुड़े सवाल के जवाब में संतोष सुमन ने कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिया ही जाना चाहिए। बिहार एक गरीब प्रदेश है, विशेष राज्य का दर्जा मिलेगा तो रोजगार का सृजन होगा। इससे युवाओं को रोजगार मिलेगा और राज्य तरक्की करेगा।