फर्जी नंबर प्लेट लगा पुलिस को चकमा देने वाला गिरफ्तार, जेल
पुलिस को चकमा देने के लिए एक युवक ने बड़ी चालाकी से अपनी कार जैसी एक दूसरी कार का नंबर अपने कार पर लिखवा लिया, इस दौरान वह शराब के नशे मंे कार के साथ पकड़ा भी गया।
- शराब के नशे में पकड़े जाने पर कटवाया था पेंडिंग चलान, असली मालिक को शमन का मैसेज जाने के बाद खुला राज
केटी न्यूज/डुमरांव
पुलिस को चकमा देने के लिए एक युवक ने बड़ी चालाकी से अपनी कार जैसी एक दूसरी कार का नंबर अपने कार पर लिखवा लिया, इस दौरान वह शराब के नशे मंे कार के साथ पकड़ा भी गया। पुलिस ने उसे शराब पीने के आरोप में जेल भेज उसके वाहन का चालान काट शमन के लिए उसका नंबर डीटीओ को भेजा। यहां, भी उसने चालाकी की और पेडिंग चलान कटवा लिया। लेकिन उसकी यही चालाकी उसे भारी पड़ी तथा असली मालिक के पास शमन का मैसेज जाते ही सारा भेद खुल गया।
मिली जानकारी के अनुसार छह अक्टूबर बक्सर के धोबीघाट मोहल्ला निवासी स्व. सुरेश कुमार सिंह का पुत्र मनीष कुमार डुमरांव टेढ़की पुल के करीब शराब के नशे में पकड़ा गया था। पुलिस ने उसकी लाल रंग की महिन्द्र कंपनी की कार भी जब्त कर ली थी, जिस पर रजिस्टेªशन नंबर बीआर 44 पी 5082 अंकित था। यह नंबर इटाढ़ी थाना क्षेत्र के महिला गांव निवासी उदय कुमार ओझा के नाम पर रजिस्टर्ड था। पहली बार शराब पीने के कारण उसे तुरंत ही बेल मिल गया, वही उसने कार को छुड़ाने के लिए पेंडिंग चलान ( बिना पैसा वाला चलान ) कटवा लिया। लेकिन, पेंडिंग चलान कटते ही उसका मैसेज असली मालिक उदय के पास चला गया। चलान का मैसेज देख उदय ने तुरंत डुमरांव थानाध्यक्ष को फोन लगा चलान काटने का कारण पूछा और बताया कि मेरी कार तो दलान में खड़ी है। इधर डुमरांव थानाध्यक्ष शंभू कुमार भगत ने भी उसे वीडियो कॉलिंग पर उसके कार जैसी ही दूसरी कार जिस पर उनके कार का रजिस्टेªशन नंबर अंकित था दिखाया।
हालांकि पुलिस ने जब मनीष को दुबारा पकड़ पूछताछ की तो माजरा साफ हो गया। मनीष ने पुलिस को बताया कि उसने यह कार एक महिला से खरीदी थी। लेकिन इसका रजिस्टेªशन नंबर नहीं मिल रहा था। एक दिन उसने बकसर में उदय की कार को देखा जो बिल्कुल उसके कार के जैसी ही थी, उसने झट से उसका नंबर नोट किया और वही नंबर अपने कार पर लिखवा दिया। थानाध्यक्ष ने बताया कि उसके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता 318 ( 3 ) के तहत फर्जीवाड़ा का मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया गया है।