जाग्रेब पैरा स्विमिंग ओपन चैंपियनशिप 2024 में बिहार के लाल 'शम्स आलम' ने 3 पदक जीते

जाग्रेब पैरा स्विमिंग ओपन चैंपियनशिप 2024 में बिहार के लाल शम्स आलम ने 3 पदक जीते।

जाग्रेब पैरा स्विमिंग ओपन चैंपियनशिप 2024 में बिहार के लाल 'शम्स आलम' ने 3 पदक जीते
Shams Alam'

केटी न्यूज़/बिहार

जाग्रेब पैरा स्विमिंग ओपन चैंपियनशिप 2024 में बिहार के लाल शम्स आलम ने 3 पदक जीते।क्रोएशिया के जाग्रेब में 5-7 जुलाई तक आयोजित टूर्नामेंट में शम्स ने श्रेणी एस 5 एसबी 4 व एसएम 5 में 100 मीटर ब्रेस्टस्ट्रोक में रजत पदक, 200 मीटर व्यक्तिगत मेडल में नए राष्ट्रीय रिकॉर्ड के साथ रजत पदक और 50 मीटर बटरफ्लाई में कांस्य पदक जीतकर पूरे भारत का नाम रोशन किया है।इससे पहले भी मेडल जीतने के साथ-साथ शम्स आलम के नाम दो नेशनल रिकॉर्ड है।

शम्स बिहार के मधुबनी स्थित बिस्फी प्रखंड के रथौस गांव के रहने वाले हैं। उनके परिवार में उनके पिता, चार भाई और दो बहने हैं। उन्होंने मुंबई के रिजवी कॉलेज से मैकेनिकल इंजीनियरिंग और चेन्नई के सत्यबामा यूनिवर्सिटी से एमबीए की पढ़ाई की है। उन्होंने अमेरिका स्थित एक यूनिवर्सिटी से ग्लोबल स्पोर्ट्स मेंटरिंग प्रोग्राम भी पूरा किया है।

शम्स ने इससे पहले यूरोपीय देश आइसलैंड की राजधानी रिक्जेविक शहर में हुई पैरा स्विमिंग प्रतियोगिता में 6 मेडल जीत वर्ल्ड पैरा स्विमिंग रैंकिंग में काफी उछाल लाया था।साल 2016 में कनाडा के गैटीन्यू शहर में हुए कैन-एम पैरा स्विमिंग चैंपियनशिप में उन्होंने पुरुषों की 100 मीटर ब्रेस्ट स्ट्रोक प्रतियोगिता में कांस्य पदक अपने नाम किया था। वहीं 2018 में आयोजित भारतीय ओपन पैराप्लेजिक स्विमिंग चैंपियनशिप में उन्होंने 4 गोल्ड मेडल अपने नाम किया। 2018 में इंडोनेशिया में आयोजित एशियन पैरा गेम्स में शम्स ने भारत का प्रतिनिधित्व किया।

शम्स आलम 2010 में राष्ट्रीय कराटे चैंपियन बने थे। वह चाहते थे कि इसी क्षेत्र में भारत के लिए गोल्ड मेडल लाएं, लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था। अक्टूबर 2010 में जब शम्स अपने इंजीनियरिंग के फाइनल इयर में थे, तभी उनकी रीढ़ की हड्डी में एक ट्यूमर विकसित हो गया।इस समस्या को लेकर वह डॉक्टर के पास गए तो डॉक्टर ने ऑपरेशन कराने को कहा। बदक़िस्मती से यह ऑपरेशन कामयाब नहीं हुआ, जिसकी वजह से उनके शरीर का निचला हिस्सा पूरा सुन्न हो गया। इसमें कोई जान नहीं बची। तब से लेकर उनकी जिंदगी व्हील चेयर पर आ गई। उनको हर काम व्हील चेयर पर ही करना होता है।

शम्स ने गंगा नदी में सबसे तेज़ तैराकी 12 मिनट 23:04 सेकेंड में पूरा कर ली, जो की एक रिकॉर्ड है। इस रिकॉर्ड के लिए शम्स का नाम इंडिया बुक्स ऑफ रिकॉर्ड में भी शामिल किया गया है। 2021 में उनको भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा विकलांग व्यक्तियों को सशक्त बनाने संबंधी नेशनल अवार्ड से नवाजा गया।फिलहाल, शम्स गुजरात के गांधीनगर स्थित स्पोर्ट्स ऑथोरिटी ऑफ इंडिया में ट्रेनिंग ले रहे हैं। शम्स को बिहार सरकार ने वित्त विभाग में नौकरी दी है। यह नौकरी बिहार सरकार के ‘मेडल लाओ नौकरी पाओ' प्रोग्राम के तहत दी गई है।2022 के एशियन पैरा गेम्स में भी शम्स ने पैरा स्विमिंग में भारत को रिप्रजेंट किया। वहीं, 2022 के विश्व चैंपियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए शम्स को दसवां स्थान प्राप्त हुआ था। 2019 में शम्स ने बिहार स्विमिंग एसोसिएशन की ओर से आयोजित स्विमिंग प्रतियोगिता में सबसे तेज पैराप्लेजिक स्विमर का रिकॉर्ड बनाया था।