केटी न्यूज़, ऑनलाइन डेस्क: चारधाम यात्रा की शुरुआत 10 मई 2024 से हो चुकी है, जब केदारनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए थे। इसके बाद 12 मई को बदरीनाथ के कपाट भी खुल गए। यात्रा के शुरू होते ही लाखों श्रद्धालु इन पवित्र धामों की ओर रवाना हो गए हैं। अब तक लगभग 26 लाख से अधिक रजिस्ट्रेशन किए जा चुके हैं और करीब 3 लाख श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। लेकिन इस पावन यात्रा के बीच एक दुखद सूचना भी सामने आई है कि यात्रा के दौरान अब तक 11 श्रद्धालुओं की मृत्यु हो चुकी है। मरने वालों में चार ऐसे थे जिन्हें डायबिटीज और ब्लड प्रेशर की समस्या थी।
यात्रा में अव्यवस्था और भीड़भाड़ की समस्या बढ़ती जा रही है। कई श्रद्धालु बिना रजिस्ट्रेशन के यात्रा पर निकल रहे हैं, जिससे रास्तों पर भीषण जाम की स्थिति उत्पन्न हो गई है। लंबी कतारों में खड़े-खड़े श्रद्धालुओं को घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। इस अव्यवस्था को देखते हुए उत्तराखंड की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं।
सबसे पहले, वीआईपी दर्शन पर लगी रोक को 31 मई तक के लिए बढ़ा दिया गया है। इस निर्णय का उद्देश्य उन श्रद्धालुओं को राहत देना है जो लंबी कतारों में फंसे हुए हैं और विरोध प्रदर्शन करने लगे हैं। इसके साथ ही, चारधाम मंदिर परिसरों में वीडियोग्राफी, फोटोग्राफी और सोशल मीडिया के लिए रील बनाने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। यह प्रतिबंध चारधाम मंदिर के 50 मीटर के दायरे में लागू रहेगा। इस आदेश का उल्लंघन करने पर प्रशासन द्वारा सख्त कार्रवाई की जाएगी।
पर्यटन सचिव, गढ़वाल डिवीजन के कमिश्नर, डीएम तथा एसपी को इस आदेश की जानकारी दे दी गई है ताकि इसका कड़ाई से पालन हो सके। प्रशासन ने यह भी सलाह दी है कि जो श्रद्धालु चारधाम यात्रा पर जाने की सोच रहे हैं, वे अपनी यात्रा कुछ समय के लिए टाल दें। इसके साथ ही, बिना रजिस्ट्रेशन के यात्रा पर न जाएं। यात्रा के दौरान जो अव्यवस्था उत्पन्न हुई है, उसका एक प्रमुख कारण उन श्रद्धालुओं को बताया गया है जो बिना रजिस्ट्रेशन के भारी संख्या में चारधाम पहुंचे हैं।
चारधाम यात्रा में बढ़ती भीड़ और अव्यवस्था के मद्देनजर प्रशासन ने तीर्थयात्रियों से संयम और सहयोग की अपील की है। श्रद्धालुओं से अनुरोध किया गया है कि वे नियमों का पालन करें और प्रशासन द्वारा जारी दिशानिर्देशों का सम्मान करें। प्रशासन द्वारा किए गए इन निर्णयों का उद्देश्य यात्रा को सुव्यवस्थित और सुरक्षित बनाना है ताकि सभी श्रद्धालु बिना किसी परेशानी के चारधाम के दर्शन कर सकें।
चारधाम यात्रा की पवित्रता और सुरक्षा को बनाए रखने के लिए प्रशासनिक कदम उठाए जा रहे हैं, लेकिन इसमें श्रद्धालुओं का सहयोग भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। यात्रा के दौरान सभी नियमों का पालन करें और प्रशासन की व्यवस्थाओं में सहयोग करें। यह यात्रा धार्मिक आस्था का प्रतीक है और इसे शांतिपूर्ण और सुरक्षित तरीके से संपन्न करना हम सभी की जिम्मेदारी है।