लालू-तेजस्वी के सामने पप्पू यादव ने किया सरेंडर,हाथ जोड़ मांगी माफी
लालू और तेजस्वी के खिलाफ लोकसभा चुनाव में मोर्चा खोलने वाले पूर्णिया सांसद पप्पू यादव ने आखिरकार हथियार डाल दिए।
केटी न्यूज/ पटना
लालू और तेजस्वी के खिलाफ लोकसभा चुनाव में मोर्चा खोलने वाले पूर्णिया सांसद पप्पू यादव ने आखिरकार हथियार डाल दिए।पप्पू यादव ने पूरी तरह सरेंडर कर दिया।पप्पू यादव आज बीमा भारती के लिए जनता से वोट मांग रहे हैं और इसके लिए उन्हें हाथ जोड़कर माफी तक मांगना पड़ रही है।पूर्णिया से लोकसभा का टिकट नहीं मिलने पर कल तक पप्पू लालू-तेजस्वी को पानी पी-पीकर कोस रहे थे।
लालू के इशारे पर पप्पू यादव ने अपनी जन अधिकार पार्टी को कांग्रेस में विलय कर दिया।लोकसभा चुनाव में पूर्णिया से कांग्रेस का टिकट हासिल करने के लिए पप्पू यादव ने अपनी पूरी पार्टी को लालू के कहने पर कुर्बान कर दिया था। खुद अपने बेटे के साथ कांग्रेस में शामिल हो गए थे लेकिन बिल्कुल वक्त पर लालू प्रसाद ने पप्पू यादव को गच्चा दे दिया। वादा करने के बावजूद लालू ने जेडीयू छोड़कर आरजेडी में आईं बीमा भारती को पूर्णिया का टिकट दे दिया। आरजेडी चीफ की इस वादाखिलाफी से आहत पप्पू यादव ने आखिरकार निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर पूर्णिया लोकसभा के चुनावी मैदान में उतरे और लालू की कैंडिडेट को हराकर जीत हासिल की।
पूर्णिया सांसद पप्पू यादव ने लालू-तेजस्वी के सामने हथियार डाल दिए और आरजेडी उम्मीदवार बीमा भारती के लिए रूपौली के जनता से वोट मांगने लगे। लोकसभा चुनाव में जिसको हराने के लिए पप्पू यादव ने पूर्णिया में चुनाव लड़ा, अब उसके लिए ही वोट मांग रहे हैं। पप्पू यादव ने बीमा भारती के लिए रूपौली की जनता से हाथ जोड़कर माफी मांगी और कहा कि जो लोग इस चुनाव में एनडीए या निर्दलीय के साथ होगा, वह पप्पू यादव के साथ नहीं होगा।
लोकसभा चुनाव के दौरान पप्पू यादव ने तेजस्वी को युवराज और न जाने क्या-क्या कहा। पूरे चुनाव के दौरान एक धूर विरोधी की तरह पप्पू यादव लालू और तेजस्वी के खिलाफ हमले बोलते रहे और बिहार में कांग्रेस की दुर्दशा के लिए लालू को जिम्मेवार बताया। बीमा भारती के इस्तीफा देने से खाली हुई रूपौली विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव में लालू प्रसाद ने फिर से बीमा भारती को ही अपना उम्मीदवार बनाकर मैदान में उतार दिया है।पप्पू यादव ने आरजेडी के इस फैसले पर सवाल उठाए और किसी निर्दलीय प्रत्याशी को उपचुनाव में अपना समर्थन देने के संकेत दिए। बीमा भारती को अपना समर्थन देने से पप्पू यादव ने खुलकर न तो इनकार किया और ना ही इकरार लेकिन अचानक पप्पू यादव के बोल बदल गए।